टिहरी झील महोत्सव का रंगारंग आगाज
साहसिक खेल अकादमी का नाम अब स्व.दिनेश रावत के नाम पर
नई टिहरी। प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नई टिहरी के अन्तर्गत कोटी कालोनी में आयोजित तीन दिवसीय टिहरी लेक महोत्सव-2019 का उद्घाटन द्वीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर उपस्थित जनता को टिहरी लेक महोत्सव की बधाई देते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने अपने सम्बोधन में कहा कि टिहरी झील एक अनमोल धरोहर हैं जिसमें लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने की क्षमता हैं। इस झील में मुझे उत्तराखण्ड के बच्चों का भविष्य नजर आता हैं इसी कल्पना के साथ यह झील महोत्सव मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें प्रदेश को पर्यटन प्रदेश के रूप में विकसित करना है। खर्चीलें टूरिस्ट यहां आने चाहिए। मुझे विशवास है कि जो व्यक्ति टिहरी झील को देखेगा वह बार-बार यहां आयेगा। गत वर्ष 13 राज्यों के लोग टिहरी झील महोत्सव में आये थे और इस बार 24 देशों के प्रतिनिधि इस झील महोत्सव में आये हैं। प्रदेश सरकार 13 जिले 13 डेस्टीनेशन के लिए कार्य कर रही हैं। नई टिहरी क्षेत्र को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने के लिए सरकार प्रयासरत हैं। डोबरा-चांठी पुल के निर्माण के बाद टिहरी के दोनो ओर होटल, रिजोर्ट एवं शिक्षण संस्थान बनेगें। श्री रावत ने कहा कि टिहरी में आवागमन को सुगम बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने एक मुश्त ही रूपये 88 करोड़ डोबरा-चांठी पुल निर्माण के लिए अवमुक्त किये हैं। आॅलवेदर रोड़ पर भी कार्य चल रहा है। मुझे विश्वास हैं कि आॅलवेदर रोड़ के बनने के बाद ऋषिकेश से नई टिहरी पहंुचने में मात्र डेढ घण्टे का समय लगेगा। श्री रावत ने बताया कि टिहरी झील में सी प्लेन उतारने के लिए भारत सरकार द्वारा सर्वेक्षण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। शीघ्र ही टिहरी झील में सी प्लेन उतारा जायेगा। अगले आने वाले 10-15 वर्षो में टिहरी का एक नया स्वरूप दिखेगा जो निश्चित रूप से दुनिया को अपने ओर आकर्षित करेगा। गंगा नदी की स्वच्छता एवं निर्मलता बनाये रखने का आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने ‘‘यह कल-कल बहती गंगा की धारा क्या कहती..... ‘‘ पंक्तियों का गायन किया। उन्हांेने कहा कि गंगा नदी हमें त्याग व समर्पण सीखाती है निर्मलता का संदेश देती है। हम सभी को गंगा की निर्मलता एवं स्वच्छता को बनाये रखने में योगदान देना होगा। उन्होंने टिहरी की जनता से अतिथि सत्कार की भावना विकसित करने की अपील ताकि अधिक से अधिक टूरिस्ट टिहरी भ्रमण पर आने के लिए पे्ररित हों। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रावत द्वारा नई टिहरी साहसिक खेल अकादमी का नाम एवरेस्ट विजेता स्व0 दिनेश सिंह रावत के नाम पर रखे जाने की घोषणा की गयी। वहीं इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रावत द्वारा मां राजेश्वरी महिला स्वयं सहायता समूह को सिलाई व्यवसाय, जागृति महिला वचन समूह को डेरी व्यवसाय एवं भगवती महिला स्वयं सहायता समूह को अगरबत्ती उद्योग विकसित करने के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज पर रूपये पांच-पांच लाख के ऋण चेक वितरित किये गये।
जनपद के प्रभारी मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि टिहरी झील क्षेत्र के विकास के लिए प्रदेश सरकार द्वारा गत वर्षो से अभिनव प्रयास किये जा रहें है। पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने अपने सम्बोधन में कहा कि शासन की सोची समझी रणनीति के तहत ही टिहरी लेक महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। सरकार का मकसद टिहरी झील क्षेत्र की सूरत बदलना है। इस महोत्सव के माध्यम से देश-विदेश के यात्रियों का ध्यान टिहरी क्षेत्र की ओर आकर्षित करना हैं। जिसके लिए शासन और प्रशासन कार्य कर रहा हैं। इस अवसर पर टिहरी सांसद मालाराज लक्ष्मी शाह एवं क्षेत्रीय विधायक धन सिंह नेगी ने भी जनसभा को सम्बोधित किया। इस अवसर पर गढवाल मण्डल विकास निगम के अध्यक्ष महाबीर सिंह रांगड, जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण, विधायक विजय सिंह पंवार व शक्तिलाल शाह, स्वामी चिदानंद महाराज, जिलाधिकारी सोनिका, पुलिस अधीक्षक डाॅ योगेन्द्र सिंह रावत, मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई, दिनेश डोभाल, संजय नेगी, विनोद रतूडी आदि उपस्थित थे।
सीएम ने नहीं की कोई घोषणा-
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नई टिहरी। टिहरी झील महोत्सव में पहुंचे सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से जिले की जनता को खासी उम्मीदें थी कि वह जनपद के विकास के कोई बड़ी घोषणाएं करेंगे लेकिन उन्होंने मंच से एक भी घोषणा नहीं की। नंदगांव आंशिक डूब क्षेत्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष सोहन सिंह राणा ने कहा कि विस्थापितों और प्रभावितांे की छाती के ऊपर करोड़ रूपए खर्च करके हर साल महोत्सव किया जाता है लेकिन इसका परिणाम कहीं दिखाई नहीं दे रहा। उल्टा 415 चिन्हित और कई अन्य परिवार आज भी विस्थापन के लिए दर-दर भटक रहे हैं। जिस ओर सरकार कोई कार्रवाही नहीं कर रही है।
पालिकाध्यक्ष सीमा कृषाली को नहीं मिली मंच पर जगह-
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नई टिहरी। नगर पालिका क्षेत्र कोटी कालोनी में आयोजित हो रहे टिहरी झील महोत्सव में पालिकाध्यक्ष सीमा कृषाली को न तो मंच पर जगह दी गई और न ही मंच से उनके नाम का संबोधन किया गया। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने कोटी कालोनी में नगर पालिका को सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी थी, जिसको बखूबी निभाया गया। लेकिन उनका नाम तक महोत्सव मंे नहीं लिया गया। कहा कि करोड़ रूपए मेले पर खर्च किए जा रहे हैं जबकि टिहरी की स्थिति जस की तस बनी हुई है
पुलवाला में हुए आंतकी हमले को 11 दिन बीते नहीं की महोत्सव के नाम पर नाच-गाना शुरू
कांग्रेस ने लगाया प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप
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नई टिहरी। कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा मंे आतंकी हमले में शहीद हुए देश के वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि इस विपदा की घड़ी में प्रदेश की सरकार और टिहरी का जिला प्रशासन टिहरी झील महोत्सव कर रहा है। उन्होंने कहा कि आतंकी हमले से देशवासी शोक में हैं, अभी शहीदों की चिता की आग भी ठंडी नहीं हुई है, और भाजपा सरकार कोटीकालोनी में नाच-गाना कर रही है। कांग्रेस इसकी कड़े शब्दों में निंदा करती है। कहा कि इस महोत्सव को कुछ माह आगे भी खिसकाया जा सकता था।
सोमवार को यहां कांग्रेस के जिला कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता शांति प्रसाद भट्ट ने कहा कि देश भक्ति क नाम पर ढिंढोरा पीटने वाली भाजपा आज बेनकाब हो गई है। कहा कि कांग्रेस झील महोत्सव पर कोई राजनीति नहीं करना चाहते हैं, लेकिन जिस तरह से पुलवामा हमले के बाद देश में शोक का माहौल है, ऐसे समय में महोत्सव कर भाजपा के नाच-गाने का विरोध किया जाना चाहिए। उन्होंने अर्द्धसैनिकों को शहीद का दर्जा देने, शहीद के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये देकर शहीद के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग भी की है। प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत का टिहरी में यह ११ वां दौरा है, लेकिन भाजपा सरकार बांध प्रभावित 415 परिवारों का पुनर्वास जैसी कई समस्याओं का हल नहीं कर पाए हैं। जिला प्रशासन भी इसमें किसी की नहीं सुन रहा है। बिजली-पानी के बिलों में रियायत तो दूर पानी के बिलों की वसूली के लिए आरसी काटी जा रही है। इस मौके पर दर्शनी रावत, देवेंद्र नौडियाल, ज्योति प्रसाद रतूड़ी, मुर्शरफ अली, मुर्तजा वेग, नवीन सेमवाल, ममता उनियाल, आशा रावत आदि मौजूद थे।
दूसरी ओर सामाजिक कार्यकर्ता सुशील बहुगुणा ने भी महोत्सव पर सवाल उठाया कि अब तक चार से अधिक महोत्सव हो गए हैं लेकिन टिहरीवासियों और टिहरी के पर्यटन को कितना फायदा हुआ किसी को पता नहीं है। कहा कि सरकारी धन को ठिकाने लगाया जाना गलत है। न महोत्सव से टिहरी के पर्यटन व्यवसाय को पंख लगे हैं और न ही विस्थापितों की समस्याएं हल हुई हैं ၊
नई टिहरी। प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नई टिहरी के अन्तर्गत कोटी कालोनी में आयोजित तीन दिवसीय टिहरी लेक महोत्सव-2019 का उद्घाटन द्वीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर उपस्थित जनता को टिहरी लेक महोत्सव की बधाई देते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने अपने सम्बोधन में कहा कि टिहरी झील एक अनमोल धरोहर हैं जिसमें लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने की क्षमता हैं। इस झील में मुझे उत्तराखण्ड के बच्चों का भविष्य नजर आता हैं इसी कल्पना के साथ यह झील महोत्सव मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें प्रदेश को पर्यटन प्रदेश के रूप में विकसित करना है। खर्चीलें टूरिस्ट यहां आने चाहिए। मुझे विशवास है कि जो व्यक्ति टिहरी झील को देखेगा वह बार-बार यहां आयेगा। गत वर्ष 13 राज्यों के लोग टिहरी झील महोत्सव में आये थे और इस बार 24 देशों के प्रतिनिधि इस झील महोत्सव में आये हैं। प्रदेश सरकार 13 जिले 13 डेस्टीनेशन के लिए कार्य कर रही हैं। नई टिहरी क्षेत्र को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने के लिए सरकार प्रयासरत हैं। डोबरा-चांठी पुल के निर्माण के बाद टिहरी के दोनो ओर होटल, रिजोर्ट एवं शिक्षण संस्थान बनेगें। श्री रावत ने कहा कि टिहरी में आवागमन को सुगम बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने एक मुश्त ही रूपये 88 करोड़ डोबरा-चांठी पुल निर्माण के लिए अवमुक्त किये हैं। आॅलवेदर रोड़ पर भी कार्य चल रहा है। मुझे विश्वास हैं कि आॅलवेदर रोड़ के बनने के बाद ऋषिकेश से नई टिहरी पहंुचने में मात्र डेढ घण्टे का समय लगेगा। श्री रावत ने बताया कि टिहरी झील में सी प्लेन उतारने के लिए भारत सरकार द्वारा सर्वेक्षण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। शीघ्र ही टिहरी झील में सी प्लेन उतारा जायेगा। अगले आने वाले 10-15 वर्षो में टिहरी का एक नया स्वरूप दिखेगा जो निश्चित रूप से दुनिया को अपने ओर आकर्षित करेगा। गंगा नदी की स्वच्छता एवं निर्मलता बनाये रखने का आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने ‘‘यह कल-कल बहती गंगा की धारा क्या कहती..... ‘‘ पंक्तियों का गायन किया। उन्हांेने कहा कि गंगा नदी हमें त्याग व समर्पण सीखाती है निर्मलता का संदेश देती है। हम सभी को गंगा की निर्मलता एवं स्वच्छता को बनाये रखने में योगदान देना होगा। उन्होंने टिहरी की जनता से अतिथि सत्कार की भावना विकसित करने की अपील ताकि अधिक से अधिक टूरिस्ट टिहरी भ्रमण पर आने के लिए पे्ररित हों। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रावत द्वारा नई टिहरी साहसिक खेल अकादमी का नाम एवरेस्ट विजेता स्व0 दिनेश सिंह रावत के नाम पर रखे जाने की घोषणा की गयी। वहीं इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रावत द्वारा मां राजेश्वरी महिला स्वयं सहायता समूह को सिलाई व्यवसाय, जागृति महिला वचन समूह को डेरी व्यवसाय एवं भगवती महिला स्वयं सहायता समूह को अगरबत्ती उद्योग विकसित करने के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज पर रूपये पांच-पांच लाख के ऋण चेक वितरित किये गये।
जनपद के प्रभारी मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि टिहरी झील क्षेत्र के विकास के लिए प्रदेश सरकार द्वारा गत वर्षो से अभिनव प्रयास किये जा रहें है। पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने अपने सम्बोधन में कहा कि शासन की सोची समझी रणनीति के तहत ही टिहरी लेक महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। सरकार का मकसद टिहरी झील क्षेत्र की सूरत बदलना है। इस महोत्सव के माध्यम से देश-विदेश के यात्रियों का ध्यान टिहरी क्षेत्र की ओर आकर्षित करना हैं। जिसके लिए शासन और प्रशासन कार्य कर रहा हैं। इस अवसर पर टिहरी सांसद मालाराज लक्ष्मी शाह एवं क्षेत्रीय विधायक धन सिंह नेगी ने भी जनसभा को सम्बोधित किया। इस अवसर पर गढवाल मण्डल विकास निगम के अध्यक्ष महाबीर सिंह रांगड, जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण, विधायक विजय सिंह पंवार व शक्तिलाल शाह, स्वामी चिदानंद महाराज, जिलाधिकारी सोनिका, पुलिस अधीक्षक डाॅ योगेन्द्र सिंह रावत, मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई, दिनेश डोभाल, संजय नेगी, विनोद रतूडी आदि उपस्थित थे।
सीएम ने नहीं की कोई घोषणा-
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नई टिहरी। टिहरी झील महोत्सव में पहुंचे सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से जिले की जनता को खासी उम्मीदें थी कि वह जनपद के विकास के कोई बड़ी घोषणाएं करेंगे लेकिन उन्होंने मंच से एक भी घोषणा नहीं की। नंदगांव आंशिक डूब क्षेत्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष सोहन सिंह राणा ने कहा कि विस्थापितों और प्रभावितांे की छाती के ऊपर करोड़ रूपए खर्च करके हर साल महोत्सव किया जाता है लेकिन इसका परिणाम कहीं दिखाई नहीं दे रहा। उल्टा 415 चिन्हित और कई अन्य परिवार आज भी विस्थापन के लिए दर-दर भटक रहे हैं। जिस ओर सरकार कोई कार्रवाही नहीं कर रही है।
पालिकाध्यक्ष सीमा कृषाली को नहीं मिली मंच पर जगह-
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नई टिहरी। नगर पालिका क्षेत्र कोटी कालोनी में आयोजित हो रहे टिहरी झील महोत्सव में पालिकाध्यक्ष सीमा कृषाली को न तो मंच पर जगह दी गई और न ही मंच से उनके नाम का संबोधन किया गया। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने कोटी कालोनी में नगर पालिका को सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी थी, जिसको बखूबी निभाया गया। लेकिन उनका नाम तक महोत्सव मंे नहीं लिया गया। कहा कि करोड़ रूपए मेले पर खर्च किए जा रहे हैं जबकि टिहरी की स्थिति जस की तस बनी हुई है
पुलवाला में हुए आंतकी हमले को 11 दिन बीते नहीं की महोत्सव के नाम पर नाच-गाना शुरू
कांग्रेस ने लगाया प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप
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नई टिहरी। कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा मंे आतंकी हमले में शहीद हुए देश के वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि इस विपदा की घड़ी में प्रदेश की सरकार और टिहरी का जिला प्रशासन टिहरी झील महोत्सव कर रहा है। उन्होंने कहा कि आतंकी हमले से देशवासी शोक में हैं, अभी शहीदों की चिता की आग भी ठंडी नहीं हुई है, और भाजपा सरकार कोटीकालोनी में नाच-गाना कर रही है। कांग्रेस इसकी कड़े शब्दों में निंदा करती है। कहा कि इस महोत्सव को कुछ माह आगे भी खिसकाया जा सकता था।
सोमवार को यहां कांग्रेस के जिला कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता शांति प्रसाद भट्ट ने कहा कि देश भक्ति क नाम पर ढिंढोरा पीटने वाली भाजपा आज बेनकाब हो गई है। कहा कि कांग्रेस झील महोत्सव पर कोई राजनीति नहीं करना चाहते हैं, लेकिन जिस तरह से पुलवामा हमले के बाद देश में शोक का माहौल है, ऐसे समय में महोत्सव कर भाजपा के नाच-गाने का विरोध किया जाना चाहिए। उन्होंने अर्द्धसैनिकों को शहीद का दर्जा देने, शहीद के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये देकर शहीद के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग भी की है। प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत का टिहरी में यह ११ वां दौरा है, लेकिन भाजपा सरकार बांध प्रभावित 415 परिवारों का पुनर्वास जैसी कई समस्याओं का हल नहीं कर पाए हैं। जिला प्रशासन भी इसमें किसी की नहीं सुन रहा है। बिजली-पानी के बिलों में रियायत तो दूर पानी के बिलों की वसूली के लिए आरसी काटी जा रही है। इस मौके पर दर्शनी रावत, देवेंद्र नौडियाल, ज्योति प्रसाद रतूड़ी, मुर्शरफ अली, मुर्तजा वेग, नवीन सेमवाल, ममता उनियाल, आशा रावत आदि मौजूद थे।
दूसरी ओर सामाजिक कार्यकर्ता सुशील बहुगुणा ने भी महोत्सव पर सवाल उठाया कि अब तक चार से अधिक महोत्सव हो गए हैं लेकिन टिहरीवासियों और टिहरी के पर्यटन को कितना फायदा हुआ किसी को पता नहीं है। कहा कि सरकारी धन को ठिकाने लगाया जाना गलत है। न महोत्सव से टिहरी के पर्यटन व्यवसाय को पंख लगे हैं और न ही विस्थापितों की समस्याएं हल हुई हैं ၊
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