टिहरी लोकसभा का शेर कौन
टिहरी लोकसभा सीट पहले से हॉट सीट मानी जाती रही है इस सीट के लिए कई दिग्गज किस्मत आजमाने को तैयार रहते हैं ၊ बात की जाये 2019 के लोकसभा चुनाव की तो इस साल के मार्च / अप्रैल फस्ट में चुनाव हो सकते है प्रशासन अपनी तैयारी पर है अब बात करते हैं दावेदारों की तो दावेदारों की लिस्ट बहुत लम्बी है जहां कांग्रेस से किशोर उपाध्याय और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का नाम आ रहा है वहीं बीजेपी वर्तमान सांसद महारानी राजलक्ष्मी शाह और भूतपूर्व सांसद / मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के बेटे साकेत बहुगुणा पर दांव खेल सकती है ၊ वहीं इस सब के बीच एक नाम और आ रहा हैै वो नाम है प्रसिद्ध गौकथा वाचक गोपालमणि महाराज का गोपालमणि महाराज गौ माता को राष्ट्र माता घोषित किये जाने को लेकर सरकार पर दवाब बनाये हुये हैं परन्तु अभी तक कुछ नही हो सका है इतने आन्दोलन करने के बावजूद दिल्ली गौ क्रान्ति यात्रा करने के बावजूद सरकार गोपालमणि महाराज की नही सुन पा रही है इससे मजबूर होकर गोपालमणि महाराज ने टिहरी लोकसभा सीट से निर्दलीय ताल ठोकी है उनका कहना है कि राजनीति में आने या राजनीति करने का उनका कोई मकसद नही था और ना ही होगा परन्तु वर्तमान सरकार को जगाने के लिए मुझे सांसद का चुनाव लड़ना पड़ रहा है ताकि मै लोकसभा में गौ क्रान्ति को ला सकूं और गौ माता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलवा सकूं ၊ अब बात करते हैं कि टिहरी लोकसभा सीट ही क्यों गोपालमणि महाराज तो राष्ट्रीय संत हैं वो तो किसी भी लोकसभा सीट को चुन सकते थे तो उसका कारण भी आपको समझा देते हैं ၊ उसका कारण है सबसे ज्यादा भक्त उनके इसी क्षेत्र में पड़ते हैं और टिहरी लोकसभा क्षेत्र के द्दाम मे उनका पैतृक घर भी है तो इसका उनको फायदा मिल सकता है ၊ बात की जाये उनके यहा से लड़ने की तो उन्होने तैयारी भी कर ली है जो कि भाजपा की रातों की नीद उड़ाने को काफी है ၊ भाजपा के लोग चाहे बाहर कुद्द ना बोले पर अन्दरखाने उन्हे भी डर सता रहा है कि कहीं यह हॉट सीट उनके हाथ से निकल न जाये ၊ अब भविष्य के गर्त में क्या छुपा है ये तो हमें नही पता परन्तु भाजपा को अगर टिहरी सीट बचानी है तो गोपालमणि महाराज की यह मांग चुनाव से पहले माननी होगी ၊ खैर यह तो बीजेपी सरकार की इच्छा पर निर्भर करता है क्योंकि उन्हे भी राजनीति करनी है इसलिए उनको मुस्लिम वोट भी अपने पक्ष में करने हैं तो शायद गोपालमणि महाराज की यह इच्छा पूरी न हो सके तो लास्ट में गोपालमणि महाराज को लड़ना ही है वो भी टिहरी लोकसभा सीट से उनकी हार या जीत तो भविष्य के गर्त में है परन्तु चुनाव मैदान मे उतरकर उन्होने यह बता दिया है कि अपनी हक की लड़ाई लड़ने के लिए कुछ भी किया जा सकता है बाकी गौमाता तो गौमाता हैं जब तक दूध देंगी घर की दहलीज पर रहेंगी जिस दिन दूध देना बन्द उस दिन छोड़ दो सड़को पर मरने के लिए यही हमारी मानसिकता है जब तक यह मानसिकता नही बदलेगी तब तक राष्ट्रमाता का दर्जा भी कुछ नही कर पायेगा ၊ बाकी नेताओं ने तो चुनाव लड़ना ही है उसमे शाम , दाम , दण्ड , भेद सब चलता है ၊
ज्योति डोभाल यूके लाइव के लिए टिहरी
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