कैंसर का बिल्कुल फ्री इलाज करते हैं डॉ. गौरव अग्रवाल-अब तक कई लोगों को कर चुके हैं ठीक
New Delhi : महंगी फीस आैर महंगा इलाज। इसके चलते अक्सर लोग छोटी-मोटी बीमारियों में डॉक्टर के पास जाने से कतराते हैं। नतीजा, जब रोग बढ़ जाता है, तभी वे डॉक्टरों के पास पहुंचते हैं। लेकिन इस दौर में शहर के कुछ डॉक्टर ऐसे भी हैं, जिन्होंने चिकित्सा को एक पेशे के साथ-साथ जरूरतमंदों की मदद को सेवा भाव का धर्म बना लिया है।
ये डॉक्टर जरूरतमंद गंभीर मरीजों का इलाज भी करते हैं आैर आर्थिक मदद जुटाकर जनसेवा के भाव को जिंदा रखे हुए हैं। ऐसे डॉक्टरों का एक ग्रुप ग्वालियर में भी काम कर रहा है। मरीजों की नजर में वे उनके भगवान हैं। हौसले के साथ मरीज का पूरा इलाज कराने की ले लेते हैं जिम्मेदारी : सराफा बाजार में डॉ. चंद्रकुमार जैन(गंगवाल) की गिनती मरीजों के मददगार के रूप में होती है। यदि कोई मरीज कैंसर या हार्ट के गंभीर रोग से पीड़ित हैं और इलाज कराने के लिए उसकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है तो डॉ. चंद्रकुमार गंगवाल ऐसे मरीज को रोग से लड़ने का हौसला ही नहीं देते बल्कि कुछ मददगारों के सहयोग से उसका पूरा इलाज कराने की जिम्मेदारी भी अपने ऊपर ले लेते हैं।
जरूरतमंदों की मदद के लिए एक अलग फंड : ऐसे रोगियों का इलाज मुंबई, दिल्ली या कहीं भी हो लेकिन उसकी पूरी मॉनीटरिंग वह स्वयं करते हैं। शहर में अब तक 20 से भी अधिक मरीज हैं जो इनकी मदद से हार्ट, कैंसर व अन्य गंभीर रोग से लड़कर जीजी रहे हैं। मुंह के कैंसर का एक रोगी हाल ही में डॉ. गंगवाल की मदद से ठीक होकर अपना व्यापार चला रहा है। उन्होंने जरूरतमंदों की मदद के लिए एक अलग फंड भी बना लिया है।
डॉक्टर फीस तो छोड़ ही देते हैं : यदि मरीज गरीब है और फीस देने की स्थिति नहीं हैं तो डॉक्टर फीस तो छोड़ ही देते हैं बल्कि उसे दवा भी अपनी ओर से मुफ्त दिला देते हैं। डॉ. गंगवाल ने वर्ष 1977 में जब चिकित्सा सेवा में कदम रखा तब शुरुआत में अपनी फीस मात्र 2 रुपए रखी। डॉ. गंगवाल की फीस वर्तमान में 70 रुपए हैं और यह भी मरीजों की सलाह पर ही है।
ताकि ज्यादा लोग ले सकें लाभ: कम फीस रखने के पीछे डॉ. गंगवाल की सोच यह है कि चिकित्सा सेवा का क्षेत्र है और इसमें वह अपनी फीस कम रखेंगे तो अधिक से अधिक लोग उनके हुनर का लाभ लेकर स्वस्थ रह सकते हैं।
कैंसर रोगियों की मदद के लिए बनाया ग्रुप : कैंसर पीड़ित मरीजों का फ्री में इलाज के लिए डॉक्टर्स ने एक ग्रुप बनाया है। इसके माध्यम से डॉक्टर कैंसर के ऐसे मरीजों की मदद कर रहे हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। स्टेज थ्री व फोर्थ के ऐसे मरीज जिनका इलाज हॉस्पिटल में रहकर परिजन नहीं करा पा रहे। उनका ट्रीटमेंट घर में ही दिलवा रहे हैं। सपोर्ट एंड केयर कैंसर ग्रुप के नाम से यह ग्रुप गायनिक अंकोलॉजिस्ट व डॉ. एसबीएल श्रीवास्तव व अंकोलॉजिस्ट डॉ. गौरव अग्रवाल ने बनाया है।
100 से अधिक कैंसर पीड़ित मरीजों के इलाज में मदद “: डॉ. अग्रवाल ने बताया कि कैंसर के आखिरी स्टेज के मरीजों को बेड, ऑक्सीजन, नेबुलाइजर आदि जरूरत के अनुसार उनके घर पर ही उपलब्ध करा देते हैं ,ताकि उन्हें अधिक कष्ट न उठाना पड़े। इस तरह की सुविधा उपलब्ध कराने के बदले मरीज से कोई शुल्क नहीं लिया जाता। कैंसर बढ़ने के कारण गांव में जाकर नि:शुल्क शिविर भी लगाते हैं। साथ ही कैंसर के प्रति लोगों को अवेयर कर रहे हैं। दो साल पहले सबलगढ़ के 5 साल के बच्चे को पेशाब की थैली में कैंसर हो गया था। परिजन की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने से न सिर्फ नि:शुल्क इलाज किया बल्कि 25 हजार रुपए का चेक भी दिया। डॉ. गौरव अब तक 100 से अधिक कैंसर पीड़ित मरीजों के इलाज में मदद कर चुके हैं ၊
यूके लाईव के लिए ज्योति डोभाल
ये डॉक्टर जरूरतमंद गंभीर मरीजों का इलाज भी करते हैं आैर आर्थिक मदद जुटाकर जनसेवा के भाव को जिंदा रखे हुए हैं। ऐसे डॉक्टरों का एक ग्रुप ग्वालियर में भी काम कर रहा है। मरीजों की नजर में वे उनके भगवान हैं। हौसले के साथ मरीज का पूरा इलाज कराने की ले लेते हैं जिम्मेदारी : सराफा बाजार में डॉ. चंद्रकुमार जैन(गंगवाल) की गिनती मरीजों के मददगार के रूप में होती है। यदि कोई मरीज कैंसर या हार्ट के गंभीर रोग से पीड़ित हैं और इलाज कराने के लिए उसकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है तो डॉ. चंद्रकुमार गंगवाल ऐसे मरीज को रोग से लड़ने का हौसला ही नहीं देते बल्कि कुछ मददगारों के सहयोग से उसका पूरा इलाज कराने की जिम्मेदारी भी अपने ऊपर ले लेते हैं।
जरूरतमंदों की मदद के लिए एक अलग फंड : ऐसे रोगियों का इलाज मुंबई, दिल्ली या कहीं भी हो लेकिन उसकी पूरी मॉनीटरिंग वह स्वयं करते हैं। शहर में अब तक 20 से भी अधिक मरीज हैं जो इनकी मदद से हार्ट, कैंसर व अन्य गंभीर रोग से लड़कर जीजी रहे हैं। मुंह के कैंसर का एक रोगी हाल ही में डॉ. गंगवाल की मदद से ठीक होकर अपना व्यापार चला रहा है। उन्होंने जरूरतमंदों की मदद के लिए एक अलग फंड भी बना लिया है।
डॉक्टर फीस तो छोड़ ही देते हैं : यदि मरीज गरीब है और फीस देने की स्थिति नहीं हैं तो डॉक्टर फीस तो छोड़ ही देते हैं बल्कि उसे दवा भी अपनी ओर से मुफ्त दिला देते हैं। डॉ. गंगवाल ने वर्ष 1977 में जब चिकित्सा सेवा में कदम रखा तब शुरुआत में अपनी फीस मात्र 2 रुपए रखी। डॉ. गंगवाल की फीस वर्तमान में 70 रुपए हैं और यह भी मरीजों की सलाह पर ही है।
ताकि ज्यादा लोग ले सकें लाभ: कम फीस रखने के पीछे डॉ. गंगवाल की सोच यह है कि चिकित्सा सेवा का क्षेत्र है और इसमें वह अपनी फीस कम रखेंगे तो अधिक से अधिक लोग उनके हुनर का लाभ लेकर स्वस्थ रह सकते हैं।
कैंसर रोगियों की मदद के लिए बनाया ग्रुप : कैंसर पीड़ित मरीजों का फ्री में इलाज के लिए डॉक्टर्स ने एक ग्रुप बनाया है। इसके माध्यम से डॉक्टर कैंसर के ऐसे मरीजों की मदद कर रहे हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। स्टेज थ्री व फोर्थ के ऐसे मरीज जिनका इलाज हॉस्पिटल में रहकर परिजन नहीं करा पा रहे। उनका ट्रीटमेंट घर में ही दिलवा रहे हैं। सपोर्ट एंड केयर कैंसर ग्रुप के नाम से यह ग्रुप गायनिक अंकोलॉजिस्ट व डॉ. एसबीएल श्रीवास्तव व अंकोलॉजिस्ट डॉ. गौरव अग्रवाल ने बनाया है।
100 से अधिक कैंसर पीड़ित मरीजों के इलाज में मदद “: डॉ. अग्रवाल ने बताया कि कैंसर के आखिरी स्टेज के मरीजों को बेड, ऑक्सीजन, नेबुलाइजर आदि जरूरत के अनुसार उनके घर पर ही उपलब्ध करा देते हैं ,ताकि उन्हें अधिक कष्ट न उठाना पड़े। इस तरह की सुविधा उपलब्ध कराने के बदले मरीज से कोई शुल्क नहीं लिया जाता। कैंसर बढ़ने के कारण गांव में जाकर नि:शुल्क शिविर भी लगाते हैं। साथ ही कैंसर के प्रति लोगों को अवेयर कर रहे हैं। दो साल पहले सबलगढ़ के 5 साल के बच्चे को पेशाब की थैली में कैंसर हो गया था। परिजन की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने से न सिर्फ नि:शुल्क इलाज किया बल्कि 25 हजार रुपए का चेक भी दिया। डॉ. गौरव अब तक 100 से अधिक कैंसर पीड़ित मरीजों के इलाज में मदद कर चुके हैं ၊
यूके लाईव के लिए ज्योति डोभाल
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