सीएमओ विभाग में एसटीएस भर्ती घोटाले में दोषी कौन


Jyoti dobhal

नई टिहरी - सीएमओ विभाग में हुये सीनियर ट्रीटमेंट मामले ने नया मोड़ ले लिया है जहां हाइकोर्ट ने टिहरी जिलाधिकारी सोनिका को मामले में फैसला लेने की आजादी दी है वहीं इस मामले में सीएमओ टिहरी तथा डीटीओ मामले से बचने की कोशिश में लगे हैं ၊
सीएमओ टिहरी का कहना है कि ये मामला मेरे समय का नही है इसलिए मुझे इस मामले की कोई जानकारी नही है जबकि डीटीओ जो कि इस मामले में बोर्ड के सदस्य थे उन्होने पूरा मामला जिलाधिकारी के स्तर का बताते हुये उनके फैसले का इन्तजार करने को कहा है ၊
अब मामला यह उठता है कि जब पूरा मामला साफ है और पहले इस मामले में जांच हो चुकी है तो अब कौन सी जांच की जा रही है और जब तक जांच चल रही है तब तक वो चारों अभ्यर्थी ड्यूटी पर क्यों और किसकी शह पर तैनात हैं ये सीधा सीधा बीजेपी की जीरो टालरेंस सरकार में भ्रष्टाचार को उजागर करता है ၊ अब देखने वाली बात यह होगी कि जिलाधिकारी महोदय अपने स्तर से दोषियों पर क्या कार्यवाही करती हैं ၊ इस मामले में सीधे-सीधे उस समय की बोर्ड के सदस्यों पर भ्रष्टाचार का मामला बनता है ၊


मामला सब कुछ साफ़ हो गया है सीडीओ रिपोर्ट में भी गड़बड़ी का जिक्र किया हुआ है ၊ विभाग / जिला प्रशासन ने भी कोर्ट में माना है कि सलेक्शन प्रोसेस में गड़बड़ी  हुई है जिसमे कोर्ट ने ये फैसला किया है सक्षम अधिकारी याचिकाकर्ता  का पक्ष सुने और इस पर फैसला ले , हमारा कहना ये है की जो भी इस में गड़बड़ी हुई है चाहे बिना जिला मजिस्टेट की अनुमति से समिति में बिना अनुमोदन के फिजिसियन को बैठाया हो उनके मार्क्स हटा कर रिजल्ट दुबारा घोषित किया जाये, फिजिसियन के मार्क्स हटाने के बाद भी चयन समिति का कोरम पूरा है ၊ (धर्मेन्द्र पंवार  याचिकाकर्ता )

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