प्रभारी जिलाधिकारी आशीष भटगाई की अध्यक्षता में आईआरएस विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ




नई टिहरी 28 मई 2019- आगामी मानसून सत्र को देखते हुए प्राकृतिक व मानव जनित आपदाओं के दौरान त्वरित कार्यवाही किये जाने को लेकर जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के तत्वाधान में आईआरएस (इन्सीडेन्ट रिस्पोन्स सिस्टम) विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ नई टिहरी स्थित कलक्ट्रेट सभागार में हुआ। कार्यशाला की अध्यक्षता प्रभारी जिलाधिकारी/मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई द्वारा की गयी। कार्यशाला में आईआरएस विशेषज्ञ बीबी गणनायक द्वारा अधिकारियों को आईआरएस में विभिन्न विभागों/ अधिकारियों की भूमिका, जिले में जिला स्तर सहित सब डिवीजन स्तर पर भी आईआरएस के तहत प्लानिंग बनाने, आपदा के दौरान अधिकारियों को आपसी समन्वय बनाकर कार्य करने, घटना का डाॅक्यूमेंटेशन करने, संसाधनों का डेटा रखने की व्यवस्था आदि के बारें में विस्तार से जानकारी दी गयी। विशेषज्ञ श्री गणनायाक ने कहा कि आपदाओं से निपटनंे के लिए प्लानिंग व्यवस्थित तरीके से की जानी चाहिए। क्योंकि प्लानिंग बेहतर होने से राहत एवं बचाव कार्य भी बेहतर ढंग से सम्पादित हो सकेगें। उन्होंने कहा कि किसी भी आपदा के घटित होने पर उसका डाॅक्यूमेंटेशन अवश्य किया जाए ताकि आपदा के दौरान की गयी कार्यवाही, प्रयुक्त हुए संसाधनों तथा घायल एवं मृतक व्यक्तियों का डेटा सुरक्षित रखने के साथ ही शासन को भी पे्रषित किया जा सके। उन्होंने कहा कि जिन विभागों के पास जिन स्थानों पर जो संसाधन मौजूद है उनका भी डेटा रखा जाय ताकि आवश्यकता पड़ने पर उनका सदुपयोग किया जा सके। आपदा के दौरान दूसरे स्थानों, राज्यों अथवा केन्द्र से पहुंचने वाले मानव व अन्य संसाधनों का भी डेटा रखने की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि संसाधनों का वितरण घटना स्थल की आवश्यकता के अनुसार उचित ढंग से किया जा सके। वहीं श्री गणनायक द्वारा विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्षों से मानसून सत्र से पूर्व तैयारियों का जायजा लिया गया तथा तैयारियों को बेहतर किये जाने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव भी दिये गये। श्री गणनायक द्वारा बताया गया कि आपदाओं के दौरान त्वरित कार्यवाही के लिए आईआरएस बनाया गया है जो कि देश के सभी राज्यों में लागू है। आईआरएस मंे विभाग एवं पदों के अनुरुप दायित्व निर्धारित किये गये है जिससे उस स्तर का अधिकारी देशभर में किसी भी स्थान अथवा राज्य में आपदा के दौरान अपने पद के अनुरुप दायित्व को आसानी से निभा सके और राहत एवं बचाव कार्य त्वरित गति से सम्पादित हो सकें। जबकि पहले सभी राज्यों में आपदाओं से निपटने के लिए अपनी अलग-अलग व्यवस्था थी।
    मुख्य विकास अधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे जनपद में पूर्व में घटित हुए प्राकृतिक एवं मानव जनित आपदाओं/घटनाओं के दौरान हुई कार्यवाही का अध्ययन कर पूर्व में रही कमियों में सुधार लाते हुए अपनी कार्यशैली को विकसित करें।
       इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी शिवचरण द्विवेदी, जिला विकास अधिकारी आनन्द सिंह भाकुनी, सीएमओ भागीरथी जंगपांगी, उप जिलाधिकारी रविन्द्र जुवांठा, ईई जल संस्थान सतीश चन्द्र नौटियाल, जिला पर्यटन अधिकारी सुरेश सिंह यादव सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

 Team uk live

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