एक अधिकारी ऐसा भी जो है रियल हीरो
ज्योति डोभाल संपादक
रूद्रप्रयाग - कई ऐसे अधिकारी हैं जो सिर्फ काम करते हैं परन्तु चन्द अधिकारी ऐसे हैं जो काम तो करते हैं परन्तु उनके काम करने का अलग अन्दाज उन्हे अन्य अधिकारियों से अलग करता है उन्ही में से एक हैं रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल जिन्होने अपने काम के अलग अंदाज से सुर्खिया बटोरी हैं ၊
इस बार उनके काम करने का तरीका बिल्कुल वैसा ही था जैसा पहले राजा का अपनी प्रजा के प्रति काम का तरीका होता था ၊ क्योंकि अभी यात्रा का पीक सीजन है और इस समय सबसे ज्यादा जिम्मेदारी अधिकारियो की ही रहती है ၊
डीएम मंगेश घिल्डियाल नौ तारीख की रात को यात्रा रूट का जायजा लेने भेष बदलकर यात्रियों के साथ चल पड़े ၊
यात्रा रुट पर उन्हें कई प्रकार की अव्यवस्थायें देखने को मिली तो कई जगह चेक पोस्टों पर पुलिस नदारद मिली ၊ जिससे नाराज होकर उन्होने कुछ को संस्पेन्ड भी किया ၊
कुद्द जगह पर खच्चर वालों ने अपने खच्चर सड़क में ही खुले ६ोड़ रखे थे ၊
केदारनाथ यात्रा मार्ग तक जाते जाते उन्हे कई जगहों पर अब्यवस्थायें नजर आईं जो शायद असली भेष में निकलकर नही मिलती ၊ इसी दौरान उनकी मुलाकात सोनप्रयाग में तैनात कांस्टेबल प्रेम सिंह से हुई तो उन्होने उनसे रात के वक्त अपना वाहन गौरीकुण्ड ले जाने की फरियाद की तो सिपाही ने मना कर दिया यहां तक कि डीएम ने उनको दो सौ रूपये का लालच भी दिया तो सिपाही ने उनको जेल में डालने की बात कह दी जिससे प्रभावित होकर डीएम मंगेश घिल्डियाल ने सिपाही प्रेम सिंह को पांच हजार ईनाम देने की बात भी कही ၊
प्रेमसिह को इस बात का जरा भी अहसास नही था कि जिनको वो जेल में डालने की बात कर रहे हैं वो दरअसल डीएम हैं ၊
अव ऐसे अधिकारी और ऐसे सिपाही हर जगह पर हो जायें जो बिना लालच बिना दबाव के ईमानदारी से काम करे तो हमारा भारत फिर से सोने की चिड़िया बन जाये ၊
team uk live
रूद्रप्रयाग - कई ऐसे अधिकारी हैं जो सिर्फ काम करते हैं परन्तु चन्द अधिकारी ऐसे हैं जो काम तो करते हैं परन्तु उनके काम करने का अलग अन्दाज उन्हे अन्य अधिकारियों से अलग करता है उन्ही में से एक हैं रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल जिन्होने अपने काम के अलग अंदाज से सुर्खिया बटोरी हैं ၊
इस बार उनके काम करने का तरीका बिल्कुल वैसा ही था जैसा पहले राजा का अपनी प्रजा के प्रति काम का तरीका होता था ၊ क्योंकि अभी यात्रा का पीक सीजन है और इस समय सबसे ज्यादा जिम्मेदारी अधिकारियो की ही रहती है ၊
डीएम मंगेश घिल्डियाल नौ तारीख की रात को यात्रा रूट का जायजा लेने भेष बदलकर यात्रियों के साथ चल पड़े ၊
यात्रा रुट पर उन्हें कई प्रकार की अव्यवस्थायें देखने को मिली तो कई जगह चेक पोस्टों पर पुलिस नदारद मिली ၊ जिससे नाराज होकर उन्होने कुछ को संस्पेन्ड भी किया ၊
कुद्द जगह पर खच्चर वालों ने अपने खच्चर सड़क में ही खुले ६ोड़ रखे थे ၊
केदारनाथ यात्रा मार्ग तक जाते जाते उन्हे कई जगहों पर अब्यवस्थायें नजर आईं जो शायद असली भेष में निकलकर नही मिलती ၊ इसी दौरान उनकी मुलाकात सोनप्रयाग में तैनात कांस्टेबल प्रेम सिंह से हुई तो उन्होने उनसे रात के वक्त अपना वाहन गौरीकुण्ड ले जाने की फरियाद की तो सिपाही ने मना कर दिया यहां तक कि डीएम ने उनको दो सौ रूपये का लालच भी दिया तो सिपाही ने उनको जेल में डालने की बात कह दी जिससे प्रभावित होकर डीएम मंगेश घिल्डियाल ने सिपाही प्रेम सिंह को पांच हजार ईनाम देने की बात भी कही ၊
प्रेमसिह को इस बात का जरा भी अहसास नही था कि जिनको वो जेल में डालने की बात कर रहे हैं वो दरअसल डीएम हैं ၊
अव ऐसे अधिकारी और ऐसे सिपाही हर जगह पर हो जायें जो बिना लालच बिना दबाव के ईमानदारी से काम करे तो हमारा भारत फिर से सोने की चिड़िया बन जाये ၊
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