इस गांव में सूख गये हैं सारे जल श्रोत , सूखी नदी में झिरी खोदकर प्यास बुझाने को मजबूर तीस परिवार
मध्यप्रदेश - इस गांव में सूख गए हैं सारे जल स्रोत, नदी में झिरी खोदकर प्यास बुझाने को मजबूर हैं 30 परिवार -
मध्य प्रदेश के कई जिले इन दिनों भारी जल संकट का सामना करना पड़ रहा है. कहीं लोग अपनी जान जोखिम में डालकर पानी लाने को मजबूर हैं तो कहीं लोग गंदा पानी पीकर ही जीवन यापन कर रहे हैं. वहीं कई जगह तो हालात ऐसे हैं कि लोगों को ऐसी जगह से पानी पीना पड़ रहा है, जहां से जानवर भी पानी पीते हैं. मतलब इंसान और जानवर एक ही जगह से पानी पीकर अपनी-अपनी प्यास बुझा रहे हैं. ऐसा ही हाल है होशंगाबाद और सीहोर जिले की सीमा पर बसे बुदनी विधानसभा के एक गांव का. जहां लोग जलसंकट के चलते सूखी हुई नदी में झिरी खोदकर उसमें से पानी भरकर अपनी प्यास बुझाने को मजबूर हैं. भीषण गर्मी के चलते जिले में जल सकंट गहराता जा रहा है. लोग पानी के लिए इधर उधर भटक रहे है.गांव खाण्डाबड़ में आदिवासी ग्रामीण सूखी नदी की झीर से भरकर पानी भरकर अपनी प्यास भुझाने को मजबूर है. मिली जानकरी के अनुसार जिले में भीषण जल संकट गहरा गया है. लोग पानी की जुगत में इधर उधर भटक रहे है. नदी तलाब पूरी तरह से सूख चुके है. ग्रामीणों इलाको में भी पानी ने भीषण रूप ले लिया है. ग्राम खाण्डाबड़ में जल संकट के चलते सुखी हुई नदी में झीर खोदकर उसमें उतरकर गंदा पानी पीने को आदिवसी मजबूर है.भीषण गर्मी के चलते जिले में जल सकंट गहराता जा रहा है. लोग पानी के लिए इधर उधर भटक रहे है.गांव खाण्डाबड़ में आदिवासी ग्रामीण सूखी नदी की झीर से भरकर पानी भरकर अपनी प्यास भुझाने को मजबूर है. मिली जानकरी के अनुसार जिले में भीषण जल संकट गहरा गया है. लोग पानी की जुगत में इधर उधर भटक रहे है. नदी तलाब पूरी तरह से सूख चुके है. ग्रामीणों इलाको में भी पानी ने भीषण रूप ले लिया है. ग्राम खाण्डाबड़ में जल संकट के चलते सुखी हुई नदी में झीर खोदकर उसमें उतरकर गंदा पानी पीने को आदिवसी मजबूर है ၊
मध्य प्रदेश सीहोर बुधनी से स्टेट हेड रामकृष्ण चंद्रवंशी की रिपोर्ट
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