सीएमओ ऑफिस में बहुचर्चित सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर घोटाले में आया फैसला


बहुचर्चित सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर घोटाले में आया फैसला


नई टिहरी - बहुचर्चित सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर घोटाले में आखिरकार लम्बे समय के अन्तराल के बाद जिलाधिकारी टिहरी द्वारा सीएमओ को भर्ती निरस्त करने के आदेश दे दिये गये जिसका संज्ञान लेते हुये सीएमओ ने भर्ती को अवैध मानते हुये निरस्त कर दिया है ၊
आपको बता दें दो साल पहले सीएमओ ऑफिस में सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर की भर्ती निकली थी जिसमें विभाग की मिलीभगत से अपात्र लोगों का चयन कर दिया गया था जिसके खिलाफ बाहर हुये युवकों ने आरटीआई के माध्यम से जानकारी मांगी थी जिसमें तत्कालीन जिलाधिकारी ने सीडीओ टिहरी को जांच अधिकारी नामित किया था ၊
सीडीओ की रिपोर्ट में भर्ती में घोटाला सुनिश्चित हो गया जिसको माध्यम बनाकर बाहर हुये युवकों ने हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था ၊
इस घोटाले में उस समय  चयन समिति में  जिला क्षय रोग अधिकारी जो वर्तमान समय में भी जिले में अपनी सेवा दे रहे है

और हाल ही में जिला अधिकारी की बिना अनुमोदन के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जून माह में इन कर्मचारियों की संविदा नवीनीकरण कर दी जो कि पूर्व में तत्कालीन जिलाधिकारी सोनिका द्वारा इन कर्मचारियों की संविदा नवीनीकरण नहीं किया गया था, मुख्य चिकित्सा अधिकारी भी यहां पर नवीनीकरण करने के कारण जांच के घेरे मे आ सकते हैं

हाइकोर्ट ने इस मामले में जिलाधिकारी टिहरी को जांच कर फैसला सुनाने को कहा था ၊
जिलाधिकारी टिहरी वी oषणमुगम ने  जांच कर आदेश सुरक्षित रख लिया था ၊
जिलाधिकारी के आदेशानुसार मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने भर्ती प्रक्रिया को अवैध ठहराते हुये भर्ती को निरस्त कर दिया है ၊


क्या हो पायेगी इस घोटाले में सम्बन्धित जिला क्षय रोग अधिकारी और मुख्य चिकित्साधिकारी पर कार्यवाही ये देखने वाली बात होगी क्योंकि उस समय समिति में जिला क्षय रोग अधिकारी और  मुख्य चिकित्साधिकारी ही थे जिन्होने इस पूरी प्रक्रिया को अमलीजामा पहनाया और जिलाधिकारी के अनुमोदन के बिना मार्च में इनका नवीनीकरण भी कर दिया जो कि बड़े घोटाले को दर्शाता है ၊ हालांकि मुख्य चिकित्सा अधिकारी भागीरथी जंगपांगी का कहना था कि ये मेरे समय का मामला नही है और जून माह में नवीनीकरण इसलिए किया गया ताकि इनकी सेलरी निकल सके ၊
वहीं जिला क्षय रोग अधिकारी पर कहीं न कहीं तलवार लटकती नजर आ रही है ၊




आज सत्य की जीत हुई है आज हमें लग रहा है कि न्यायपालिका सर्वोपरि है हमने इस केस को दो साल तक हाइकोर्ट में लड़ा जिसमें हमें बहुत सी परेशानियों का सामना भी करना पड़ा हमें धमकियां भी दी गई परन्तु हम पीछे नही हटे ၊
आज फैसला आने पर सुकून महसूस हो रहा है ये जीत सत्य की जीत है जिसके लिए जिलाधिकारी महोदय और माननीय उच्च न्यायालय का दिल से आभार ၊
( धर्मेन्द्र पंवार , मनीष नेगी पीड़ित अभ्यर्थी )









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