सेना प्रमुख विपिन रावत पहुंचे अपने पैतृक ननिहाल



वीरेन्द्र नेगी उत्तरकाशी

उत्तरकाशी : बिपिन रावत अपनी पत्नी माधुलिका रावत के साथ सुबह करीब 10 बजे अपने पैतृक ननिहाल पहुंचे। सेना प्रमुख रावत के गांव पहुंचने पर उनके ममेरे भाई नरेंद्र परमार व ग्रामीणों ने फूल मालाओं से जोरदार स्वागत किया। सेना प्रमुख और उनकी पत्नी ने अपने ममेरे भाई के परिवार को गले लगाकर अपनी पुरानी यादें ताजा की।

सेना प्रमुख बिपिन रावत के ननिहालियों द्वारा उनके लिए पारंपरिक भोज स्वांले तथा दाल के पकोड़े समेत अन्य पहाड़ी व्यंजन बनाए गए थे। सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा कि वह सेवा निवृत होने के बाद अपने पैतृक गांव तथा पैतृक ननिहाल के गांव में कुछ काम करेंगे। इस दौरान सेना प्रमुख जनरल और उनकी पत्नी ने गांव के लोगों से मुलाकात की।

कई दशकों बाद गांव आए
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत की माता सुशीला देवी का मायका डुंडा उत्तरकाशी के थाती धनारी गांव से है। थाती गांव निवासी ठाकुर सूरत सिंह परमार उनके नाना हैं। जबकि उनके छोटे नाना ठाकुर किशन सिंह परमार उत्तरकाशी के पहले विधायक रहे हैं। सेना प्रमुख के चार मामाओं में से तीन के परिवार तो बाहरी क्षेत्रों में पलायन कर चुके हैं, अब गांव में सिर्फ मामा खुशपाल परमार के पुत्र नरेंद्र परमार निवास करते हैं। खेतीबाड़ी कर आजीविका चलाने वाले नरेंद्र परमार ने बताया कि दिल्ली में रह रहे रिश्तेदारों ने उन्हें सेना प्रमुख के गांव में आने की सूचना दी।

बचपन में फुफेरे भाई बिपिन रावत अपने ननिहाल आए थे, लेकिन उन्हें तब का कुछ याद नहीं। इस बार कई दशकों बाद वे यहां आए हैं। अचानक उनके आने की सूचना मिलने से परिवार के लोग उनकी अगवानी की तैयारी में जुट गए। साथ ही पूरे गांव के लोग भी काफी उत्साहित हैं। बता दें कि बीते साल गंगोत्री धाम पहुंचे सेना प्रमुख जनरल रावत ने मंदिर समिति की विजिटर बुक में अपना ननिहाल उत्तरकाशी के धनारी में होने की सूचना साझा की थी। तभी से लोगों को उनके थाती धनारी गांव आने की उम्मीद थी।

पाकिस्तान को लेकर ग्रामीणों को रावत से कई उम्मीदें हैं कि वो पकिस्तान को मुह तोड़ जबाब दें।



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