दस साल से लापता आईटीबीपी जवान बिक्रम पहुंचे घर , जश्न का माहोल
यूके लाइव जुनून सच् दिखाने का
चम्पावत-10 साल से लापता आइटीबीपी एस आई विक्रम पहुंचे घर, पूरे गांव में जश्न का माहौल
ब्यूरो चीफ बलदेव चन्द्र भट्ट देहरादून
हल्द्वानी- डीएम के अल्टीमेटम के बाद जागे
चम्पावत-10 साल से लापता आइटीबीपी एस आई विक्रम पहुंचा घर, पूरे गांव में जश्न का माहौल, आखिर कहां था 10 साल से विक्रम?
चंपावत से सटे डूंगरासेठी गांव का लाल 10 साल पहले आइटीबीपी से लापता हो गया था, जो कि आज घर आया जिसके घर आते ही पूरे गांव में जश्न का माहौल बन गया। लोगों ने भावुक होकर चंदन टीका लगाकर आइटीबीपी के एस आई विक्रम की आरती उतारी और उनके स्वागत में मंगल गीत भी गाए।
आइटीबीपी से 10 साल पहले लापता हुआ था विक्रम-
विक्रम सिंह चौधरी 1986 में आईटीबीपी में उप निरीक्षक के पद पर भर्ती हुए थे और 10 साल पहले नवंबर 2009 में विक्रम 1 महीने की छुट्टी पर घर आए थे और 20 दिसंबर को वह वापस आइटीबीपी कानपुर 32 वीं बटालियन कैंप में गए और कुछ दिन बाद वहां से संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गए तमाम खोजबीन के बाद भी विक्रम का कोई पता नहीं चला जैसे जैसे समय बीतता गया वैसे वैसे विक्रम के लौटने की उम्मीदें कम होते गई लेकिन विक्रम की पत्नी मंजू ने उम्मीद और आज नहीं छोड़ी थी। वह हर पल अपने पति विक्रम का इंतजार करती रही और 9 साल 11 महीने बाद आखिरकार विक्रम के घर पहुंचने पर मंजू का इंतजार खत्म हुआ और खुशी से उसके आंसू निकल पड़े।
4 दिन पहले दिल्ली में दिखे थे विक्रम-
विक्रम के पास के ही गांव वाले नाथ सिंह ने दिल्ली के कनॉट प्लेस पर विक्रम को देखा तो घर में उनके खबर दी बुधवार को विक्रम के दामाद नरेश और साला सुरेश विक्रम को लेकर अपने घर पहुंचे । अपनी हल्की-हल्की यादों में विक्रम ने बताया चंडीगढ़ कोर्ट से वह जब वापस आइटीबीपी कैंप जा रहे थे तो वहां किसी सिविलियन ने उनको चाय पिलाई जिसके बाद उनका सिर घूमने लगा और उनके साथ क्या हुआ उन्हें कुछ याद नहीं और वह इधर-उधर भटकते रहे अब उनकी 58 साल की उम्र हो गई है। लिहाजा अब वह दोबारा आइटीबीपी ज्वाइन नहीं करना चाहते हैं विक्रम का कहना है वह बाकी की जिंदगी अब अपने परिवार के साथ बिताएंगे ၊
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें