गैर सरकारी शिक्षक व कर्मचारियो पर कोरोना की मार , लटका वेतन , पूर्व विधायक ने फिर लिखा जिलाधिकारी को पत्र
रिपोर्ट .वीरेंद्र सिंह नेगी
उत्तरकाशी : कोरोना वायरस की मार अब सीधे गैर सरकारी स्कूल के शिक्षक व कर्मचारियों पर दिखती नजर आ रही है .
जिन्हे वेतन मिलने के आसार नही दिख रहे है .इनमे से कई शिक्षक बाहरी जिले व प्रांतो से बच्चो को पढ़ाने व अपने रोजगार के लिए आये थे .जिन्हे अब बेरोजगारी कि मार झेलनी पड़ रही है .
अब यह विषय प्रशासन के सम्मुख आ रहा है .प्रशासन इसमे कितनी जल्दी कार्यवाही करता है ၊
पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण ने एक बार फिर लिखा जिलाधिकारी को पत्र.
निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा लॉकडाउन के दौरान की फीस जमा करने के विद्यालय प्रबंधनों का दिया हवाला। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान विद्यालय प्रबंधन भी मानवता के आधार पर कार्यरत शिक्षक/कर्मचारियों का वेतन वहन करने की करें उचित व्यवस्था।
पूर्व में इस संबंध में मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी प्रेषित किया गया था, जिसमे निजी विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की 03 माह की फीस माफी सहित कार्यरत कर्मचारी एवं शिक्षकों के लॉकडाउन के दौरान का वेतन वहन करने की मांग की गयी थी। आज की स्थिति के हिसाब से सरकार को इस और सकारात्मक कदम उठाने की आवश्यकता है। जिससे इन शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत छात्रों के अभिभावकों सहित कार्यरत कर्मचारी एवं शिक्षकों को उचित राहत मिल सके।
इस संबंध में जिलाधिकारी को प्रेषित पत्र-
जिलाधिकारी उत्तरकाशी।
कृपया पूर्व प्रेषित पत्र के अवलोकनार्थ आपको अवगत कराना है, जिसमे निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा अभिभावकों से देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान की फीस जमा करने को कहा गया था। इस परिपेक्ष्य में आपको अवगत कराना है कि लॉकडाउन के दौरान इन शिक्षण संस्थानों में कार्यरत शिक्षक/कर्मचारियों के हितों को मानवता के आधार पर सुरक्षित रखना भी अति आवश्यक है। जहां अभिभावकों द्वारा अपने पाल्यों की लॉकडाउन के दौरान की फीस माफी हेतु अनुरोध किया जा रहा है वहीं इन शिक्षण संस्थानों में कार्यरत शिक्षक/कर्मचारियों को भी इस दौरान का वेतन मानवता के आधार पर विद्यालय प्रबंधन द्वारा दिया जाना सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
नोबल कोरोना कोविड-19 के चलते देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान विद्यालय शिक्षा पूर्ण रूप से प्रभावित हुई है जिसमे अभिभावकों की फीस माफी सहित शिक्षण संस्थानों में कार्यरत शिक्षक/कर्मचारियों को लॉकडाउन का वेतन भी शामिल है।
मानवता के आधार पर शिक्षण संस्थानों के प्रबंधन को निजी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक/कर्मचारियों के वेतन वहन करने की व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए, ताकि इन्हें लॉकडाउन के दौरान अपनी आजीविका चलाने मे राहत मिल सके।
अतः मेरा आपसे अनुरोध है कि देशव्यापी लॉकडाउन के चलते अभिभावकों सहित शिक्षक/कर्मचारियों की समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुए लॉकडाउन के दौरान इनके वेतन देने हेतु संबंधित विद्यालयों के विद्यालय प्रबंधन को उचित निर्देशन देने का कष्ट करे ၊
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