आईओबी बैंक के सहायक प्रबंधक को भी किया गया लखनऊ से गिरफ्तार



रिपोर्ट.. संजय जोशी 
रानीखेत.. दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाला मामले में पुलिस के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है। पुलिस ने मामले में आईओबी बैंक के सहायक प्रबंधक और पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी को लखनऊ से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इस मामले में इसी साल मई माह में पहली गिरफ्तारी हुई थी। मामले में रानीखेत क्षेत्र के विद्यालयों से भी कई छात्र छात्राओं के छात्रवृत्ति के फर्जी आवेदन भरवाए गए थे। इस मामले में अब आरोपियों पर पुलिस का शिकंजा भी कसता जा रहा है।

दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले संबंधी अनियमितताओं की जांच के लिए एसआईटी द्वारा अल्मोड़ा जिले से मोनार्ड यूनिवर्सिटी हापुड़ सहित अज्ञात बिचौलियों के खिलाफ जिला समाज कल्याण कार्यालय अल्मोड़ा से प्राप्त छात्रवृतित की धनराशि 1423090 रुपये को कूटरचित दस्तावेज तैयार कर आपराधिक षड़यंत्र करके कबन करने के संबंध में धारा 409ः420ः467ः468ः471ः120 बी के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया था। मामले की जांच रानीखेत की तत्कालीन एसएसआई बसंती आर्या को सौंपी गई थी। 21 मई को पुलिस हापुड़ से मोनार्ड यनिवर्सिटी के कर्मचारी अनुज गुप्ता पुत्र स्व. हरीश गुप्ता को गिरफ्तार कर चुकी है। इधर, अब दो गिरफ्तारियां और हुई हैं। एसएसआई बसंती आर्या ने बताया कि मामले में पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी हापुड़ राजेश कुमार सक्सेना पुत्र स्व. प्रेम नारायण सक्सेना निवासी विकासनगर अलीगंज लखनऊ और आईओबी (इंडियन ओवरसीज बैंक) हापुड़ के सहायक प्रबंधक जैन अब्बास पुत्र कमर अब्बास निवासी फूलबाग कालोनी लखनऊ को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों को कोर्ट के सम्मुख पेश कर जेल भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि मामले की जांच चल रही है। इस कार्य में एसएसआई को कांस्टेबल नारायण रावल, दिलीप कुमार और साईबर सैल के मोहन बोरा ने भी सहयोग किया। एसएसआई ने बताया कि रानीखेत क्षेत्र के विद्यालयों के बच्चों को मिलाकर कुल 18 छात्र छात्राओं को छात्रवृत्ति का झांसा दिया गया था।

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