राशन कार्ड फर्जीवाडे की जांच .डीएम मयूर दीक्षित ने आदेश जारी किया
रिपोर्ट -वीरेंद्र सिंह नेगी
उत्तरकाशी.. जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने जनपद के समस्त राशन कार्ड धारक उपभोक्ताओं से अपील की है कि शासन के आदेशानुसार वर्ष 2013 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू होने के बाद राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में पूर्व से चयनित अन्त्योदय योजना के राशनकार्ड धारकों (गुलाबी रंग)े को यथावत् रखते हुये पूर्व जारी बी0पी0एल0 राशनकार्डों को सम्मिलित करके ए0पी0एल0 परिवारों में से 15000/-(पन्द्रह हजार रूपये) तक मासिक आय वाले परिवारों को चिन्हित करते हुये प्राथमिक परिवारों के रूप में (खाद्य सुरक्षा योजना-सफेद रंग के राशनकार्ड) वर्तमान में प्रचलन में हैं और उक्त राशनकार्ड धारक सस्ते/निःशुल्क खाद्यान्न से लाभान्वित हो रहे हैं।
वर्तमान में कोरोना वैश्विक महामारी के फलस्वरूप महामारी अधिनियम-1897, उत्तराखण्ड महामारी अधिनियम कोविड-19 रेगुलेशन-2020 एवं आपदा प्रबन्धन अधिनियम-2005 लागू है। आमजन को खाद्य सामग्री की कमी न हो इस हेतु प्रधानमंत्री ’’गरीब कल्याण अन्न योजना’’ के अन्तर्गत (गुलाबी रंग-अन्त्योदय राशनकार्ड एवं सफेद रंग खाद्य सुरक्षा/प्राथमिक परिवार) 05 कि0ग्रा0 प्रति यूनिट प्रतिमाह खाद्यान्न निःशुल्क वितरण किया जा रहा है। जनपद में आम उपभोक्ताओं एवं जन प्रतिनिधियों ने यह संज्ञान में लाया है कि उक्त योजना में पूर्व से चयनित अधिकांश परिवारों के सदस्य सरकारी/अर्द्वसरकारी/सेना में नौकरी लग गये हैं एवं आर्थिक स्थिति अच्छी हो गयी है तथा वे उक्त योजना में पात्रता नहीं रखते हैं, जबकि अधिकांश परिवार निराश्रित, बेसहारा, निर्धनता एवं आय का कोई साधन नहीं की स्थिति में हैं तथा ऐसे परिवार उक्त योजनाओं से बंचित हैं।
शासन के आदेशानुसार 5.00 लाख रू0 तक वार्षिक आय वाले परिवारों को राज्य खाद्य योजना में चिन्हित किया गया था, वर्तमान में अधिकांश परिवार वार्षिक आय में वृद्वि के फलस्वरूप पात्रता से बाहर हो गये हैं। वर्तमान में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अन्तर्गत आच्छादित ऐसे अन्त्योदय एवं खाद्य सुरक्षा योजना-प्राथमिक परिवार जिनकी मासिक आय 15000/-रू0 से अधिक तथा राज्य खाद्य योजना में जिनकी वार्षिक आय 05 लाख से अधिक हो चुकी है, अपने राशनकार्डों को जिला पूर्ति अधिकारी, के कार्यालय में एक प्रार्थना पत्र देकर समर्पण कर दें ताकि निर्धन/पात्र परिवारों को इसका लाभ प्राप्त हो सके।
जिलाधिकारी दीक्षित ने कहा कि इसके अतिरिक्त उन्हीं राशनकार्ड धारकों को खाद्यान्न आदि निर्गत की जायेगी l जिनके राशनकार्ड ऑनलाईन/आधार वैलिडेट हो चुके हों। इस अपील के पश्चात् भी यदि किसी उपभोक्ता के द्वारा निर्धन/असहाय एवं बेसहारा परिवारों हेतु जारी सस्ते/निःशुल्क खाद्यान्न का अपात्र होते हुये भी अवैध तरीके से उपभोग किया जाता है अथवा किया जाना पाया जायेगा तो सम्बन्धित उपभोक्ता का राशनकार्ड निरस्त करते हुये उसके विरूद्व आवश्यक वस्तु अधिनियम-1955, महामारी अधिनियम-1897 एवं आपदा प्रबन्धन अधिनियम-2005 के तहत् सुसंगत प्राविधानों के अन्तर्गत विधिक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।
उत्तरकाशी.. जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने जनपद के समस्त राशन कार्ड धारक उपभोक्ताओं से अपील की है कि शासन के आदेशानुसार वर्ष 2013 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू होने के बाद राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में पूर्व से चयनित अन्त्योदय योजना के राशनकार्ड धारकों (गुलाबी रंग)े को यथावत् रखते हुये पूर्व जारी बी0पी0एल0 राशनकार्डों को सम्मिलित करके ए0पी0एल0 परिवारों में से 15000/-(पन्द्रह हजार रूपये) तक मासिक आय वाले परिवारों को चिन्हित करते हुये प्राथमिक परिवारों के रूप में (खाद्य सुरक्षा योजना-सफेद रंग के राशनकार्ड) वर्तमान में प्रचलन में हैं और उक्त राशनकार्ड धारक सस्ते/निःशुल्क खाद्यान्न से लाभान्वित हो रहे हैं।
वर्तमान में कोरोना वैश्विक महामारी के फलस्वरूप महामारी अधिनियम-1897, उत्तराखण्ड महामारी अधिनियम कोविड-19 रेगुलेशन-2020 एवं आपदा प्रबन्धन अधिनियम-2005 लागू है। आमजन को खाद्य सामग्री की कमी न हो इस हेतु प्रधानमंत्री ’’गरीब कल्याण अन्न योजना’’ के अन्तर्गत (गुलाबी रंग-अन्त्योदय राशनकार्ड एवं सफेद रंग खाद्य सुरक्षा/प्राथमिक परिवार) 05 कि0ग्रा0 प्रति यूनिट प्रतिमाह खाद्यान्न निःशुल्क वितरण किया जा रहा है। जनपद में आम उपभोक्ताओं एवं जन प्रतिनिधियों ने यह संज्ञान में लाया है कि उक्त योजना में पूर्व से चयनित अधिकांश परिवारों के सदस्य सरकारी/अर्द्वसरकारी/सेना में नौकरी लग गये हैं एवं आर्थिक स्थिति अच्छी हो गयी है तथा वे उक्त योजना में पात्रता नहीं रखते हैं, जबकि अधिकांश परिवार निराश्रित, बेसहारा, निर्धनता एवं आय का कोई साधन नहीं की स्थिति में हैं तथा ऐसे परिवार उक्त योजनाओं से बंचित हैं।
शासन के आदेशानुसार 5.00 लाख रू0 तक वार्षिक आय वाले परिवारों को राज्य खाद्य योजना में चिन्हित किया गया था, वर्तमान में अधिकांश परिवार वार्षिक आय में वृद्वि के फलस्वरूप पात्रता से बाहर हो गये हैं। वर्तमान में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अन्तर्गत आच्छादित ऐसे अन्त्योदय एवं खाद्य सुरक्षा योजना-प्राथमिक परिवार जिनकी मासिक आय 15000/-रू0 से अधिक तथा राज्य खाद्य योजना में जिनकी वार्षिक आय 05 लाख से अधिक हो चुकी है, अपने राशनकार्डों को जिला पूर्ति अधिकारी, के कार्यालय में एक प्रार्थना पत्र देकर समर्पण कर दें ताकि निर्धन/पात्र परिवारों को इसका लाभ प्राप्त हो सके।
जिलाधिकारी दीक्षित ने कहा कि इसके अतिरिक्त उन्हीं राशनकार्ड धारकों को खाद्यान्न आदि निर्गत की जायेगी l जिनके राशनकार्ड ऑनलाईन/आधार वैलिडेट हो चुके हों। इस अपील के पश्चात् भी यदि किसी उपभोक्ता के द्वारा निर्धन/असहाय एवं बेसहारा परिवारों हेतु जारी सस्ते/निःशुल्क खाद्यान्न का अपात्र होते हुये भी अवैध तरीके से उपभोग किया जाता है अथवा किया जाना पाया जायेगा तो सम्बन्धित उपभोक्ता का राशनकार्ड निरस्त करते हुये उसके विरूद्व आवश्यक वस्तु अधिनियम-1955, महामारी अधिनियम-1897 एवं आपदा प्रबन्धन अधिनियम-2005 के तहत् सुसंगत प्राविधानों के अन्तर्गत विधिक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।
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