जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट सभागार में जिला योजना की समीक्षा बैठक सम्पन्न
रिपोर्ट... ज्योति डोभाल
टिहरी - जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट सभागार में जिला योजना की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। वित्तीय वर्ष 2020-21 में जिला योजना के तहत 6337 लाख रुपए के अनुमोदित परिव्यय के सापेक्ष शासन स्तर से 5235 लाख रुपए की धनराशि अवमुक्त हुई। वही जिला स्तर से 5224.25 लाख रुपए की धनराशि विभिन्न विभागों को अवमुक्त हुई। अवमुक्त धनराशि के सापेक्ष माह दिसंबर तक 3243.68 लाख रुपये का व्यय किया जा चुका है जो कि जिला स्तर पर अवमुक्त धनराशि का 62.9 प्रतिशत है। समीक्षा के दौरान लोक निर्माण विभाग, स्वास्थ्य, जल निगम, लघु सिंचाई, उद्यान विभागों द्वारा क्रमिक व्यय की खराब स्थिति को देखते हुए ज़िलाधिकारी द्वारा कड़ी नाराजगी प्रकट करते हुए स्पष्ट किया कि वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक अवमुक्त धनराशि का शतप्रतिशत व्यय ना होने पर संबंधित अधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाएगी। जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि जिला योजना के तहत कराए जाने वाले कार्यो में गुणवत्ता वह समय सीमा में किसी भी प्रकार की कोताही ना बरती जाए। लिनीवि द्वारा सड़क एवं पुलो पर माह दिसंबर तक 250 लाख रुपए के सापेक्ष केवल 35 लाख रुपये व्यय किये गए है जो कि अवमुक्त धनराशि का केवल 14 प्रतिशत है। जबकि पूल्ड आवास मरम्मत/निर्माण में 136.31 लाख में से 75 लाख का व्यय किया जा चुका है जो की अवमुक्त धनराशि का 55.2 प्रतिशत है। इसी प्रकार जल निगम द्वारा 180.97 लाख के सापेक्ष 92.66 लाख का व्यय किया गया जो कि अवमुक्त धनराशि का 51.20 प्रतिशत है। लघु सिंचाई विभाग द्वारा 290 लाख के सापेक्ष 169 लाख का व्यय किया गया जो कि अवमुक्त धनराशि का 58.28 प्रतिशत है। स्वास्थ्य विभाग के ऐलोपैथिक चिकित्सा को अवमुक्त 181.80 लाख के सापेक्ष माह दिसंबर तक 72.56 लाख का व्यय किया गया जो कि अवमुक्त धनराशि का 39.91 प्रतिशत है। जिला योजना के तहत आवंटित धनराशि के क्रमिक व्यय की खराब स्थिति एवं बैठक में आधी-अधूरी तैयारी के साथ उपस्थित होने पर जिलाधिकारी ने सीएमओ व एसीएमओ का स्पष्टीकरण तालाब करने के निर्देश दिए है साथ ही अवशेष अवमुक्त की जाने वाली धनराशि 57.82 लाख को रोके जाने के निर्देश भी दिए है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के सभी संबंधित अधिकारियों/टीम को एक सप्ताह के भीतर जिला कार्यालय में उपस्थित होने के निर्देश दिए है। आरडब्लूडी घनसाली डिवीज़न की खराब स्थिति/प्रगत्ति पर संबंधित ईई को एक माह के भीतर सभी कार्य पूरे करने के निर्देश दिए है । जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि आगामी बैठक में प्रगति नहीं रहने वाले संबंधित अधिकारियों का वेतन रोका जाएगा। बैठक में जल निगम के अधिकारियों द्वारा बैठक में देरी से पहुंचने पर स्पष्टीकरण तालाब किया है। कृषि, उद्यान, पशुपालन, मत्स्य, उरेडा आदि विभागों द्वारा जिला योजना के तहत धरातलीय कार्यो की भौतिक एवं वित्तीय प्रगत्ति संबंधी खराब प्रजेंटेशन पर जिलाधिकारी द्वारा सख्त नाराजकी जाहिर की गई। जिलाधिकारी ने चेताया कि एक सप्ताह के भीतर सही जानकारी/नवीन फ़ोटोग्राफ युक्त प्रस्तुतिकरण नही दिए जाने पर संबंधित अधिकारियों का वेतन रोक जाए. बैठक में सीडीओ अभिषेक रुहेला, पीढ़ी डीआरडीए आनंद भाकुनी, अधिशासी अभियंता जल संस्थान सतीश नौटियाल, लोनिवि केएस नेगी, आरडब्लूडी युराज सिंह, ईई विद्युत राजेश कुमार, जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक एसएस बिष्ट, जिला पर्यटन अधिकारी एसएस यादव, जीएम डीआईसी महेश प्रकाश, डीपीआरओ चमन सिंह राठौर, जिला उद्यान अधिकारी डॉ डीके तिवारी, जिला युवा कल्याण अधिकारी मुकेश डिमरी, सहायक डीएसटीओ धारा सिंह के अलावा अन्य विभागाध्यक्ष/अधिकारी भी उपस्थित थे.
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