नागणी -कटाल्डी खनन बिरोधी आंदोलन पर एक नजर
गजा.... कटाल्डी खनन विरोधी आंदोलन रजत जयंती समारोह एवं पारंपरिक खान-पान महोत्सव व सम्मान कार्यक्रम के अंतर्गत कार्यक्रम और आंदोलन से सम्बंधित जानकारी!
बीज बचाओ आंदोलन नागणी, राजस्व ग्राम कटाल्ड़ी वेलफेयर एसोसिएशन एवं प्रगतिशील जन विकास संगठन गजा द्वारा आयोजित आज के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में कृषि एवं उद्यान मंत्री उत्तराखंड सुबोध उनियाल मुख्य अथिति रहे! साथ ही साथ क्षेत्र के अनेक समाज सेवी और जनप्रतिनिधि भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे! इस नागणी -कटाल्डी खनन बिरोधी आंदोलन पर एक नजर कार्यक्रम के आयोजन में श्री दिनेश उनियाल जी, श्री अरुण लखेड़ा जी, श्री विजय जड़धारी जी एवं श्री रघुभाई जड़धारी जी का मुख्य योगदान रहा!
आइए नजर डालते हैं इस आंदोलन पर...
नागणी कटाल्डी खनन विरोधी आंदोलन जिसने सरकार और ठेकेदारों को पीछे खदेड़ा था!
हेंवल घाटी को यदि अनेक जन-जीवन हितकारी आंदोलनों की उपजाऊ भूमि कहा जाय तो अतिसयोक्ति नही होगी! बात पर्यावरण की हो या फिर सामाजिक उन्नति की इस भूमि के अनेक सपूतों ने अपनी कर्तव्यनिष्ठता और दूरगामी सोच से तस्कर और माफियाओं के दांत समय समय पर खट्टे किए हैं! विश्वविख्यात "चिपको आंदोलन" "शराब बंदी आंदोलन" और "बीज बचाओ आंदोलन" को भला कौन भूल सकता है!
आज हम एक और आंदोलन की याद दिलाते हैं जिसने दिखा दिया कि मातृभूमि की रक्षा कैसे की जाती है... यह घटना अगस्त 1994 की है जब सरकार ने नागणी के अंतर्गत "कटाल्डी और पलास" में ""चूना-पत्थर"" के खनन हेतु अधिकृत कंपनी/ठेकेदारों को खनन की मंजूरी दी थी! मानकों के अनुसार कटाल्डी और पलास को आबादी से रहित खाली क्षेत्र दिखाया गया था! सरकार ने मंजूरी तो दे दी थी लेकिन ना तो ग्रामीणों की चिंता की और ना ही पर्यावरण की खनन भी बेहद वृहद स्तर पर होने वाला था! आसमान को छूते पर्वत धराशायी होने वाले थे! लेकिन उसी समय हेंवल घाटी के सपूत एकत्रित हुए और खनन का पुरजोर विरोध करने लगे इस आंदोलन का नेतृत्व करने में अनेक महापुरुषों की भागीदारी रही जिसमे श्री विजय जड़धारी जी, श्री धूम सिंह नेगी जी, श्री अरुण लखेड़ा जी, प्रखर पत्रकार स्व. श्री कुंवर प्रसून जी, सुदेशा बहिन जी, श्री रघुभाई जड़धारी जी, स्व. भगवती प्रसाद लखेड़ा जी मुख्य सचिव स्व. आर. एस. टोलिया जी, श्री दयाल सिंह भंडारी जी, श्री कलम सिंह खण्डका जी, श्री सचिन लखेड़ा जी, श्री श्रीकांत चन्दोला जी, श्री आर श्रीधर जी, श्री बिज्जू नेंगी जी, श्रीमती बचनी देवी जी, शैला देवी जी, कुसुम रावत जी, श्री भूपाल सिंह जी, श्री मदन गोपाल लखेड़ा जी, श्री साहब सिंह सजवाण जी, श्री महिपाल सिंह नेंगी जी, श्री महेश लखेड़ा जी, श्री विनोद लखेड़ा जी, श्री प्रमोद लखेड़ा जी, श्री सुंदर लाल डबराल जी, श्रीमती रजनी देवी जी, श्रीमती कौशल्या देवी जी, श्रीमती लक्ष्मी खण्डका जी, श्रीमती लीलावती बिजल्वाण जी, श्रीमती लक्ष्मी बिजल्वाण जी एवं और भी अनेक पुरुष और महिलाएं सम्मिलित हुई! आखिरकार 16 वर्षों की इस लड़ाई में आंदोलन कारियों ने सरकार और ठेकेदारों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया! मातृभूमि की जीत हुई जो उसके सपूतों ने अपनी सूझ-बूझ और खून-पसीने के दम पर निर्धारित की!
...आज नागणी कटाल्ड़ी खनन विरोधी सफल आंदोलन के सभी आंदोलनकारियों एवं वर्तमान में अपने अपने क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य कर रहे समाजसेवियों को सम्मानित किया गया! समाज के लिए चेतना देने वाले इस कार्यक्रम को पूर्णरूप से खनन विरोधी आंदोलन के आंदोलनकारियों एवं वर्तमान में उत्कृष्ट समाज सेवा कर रहे महानभावो के लिए समर्पित किया गया!
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