जनपद भ्रमण के दौरान वयोबृद्ध समाजसेवी बिहारीलाल के घर पहुंचे राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा, मिल कर हुए भावुक
रिपोर्ट... ज्योति डोभाल
टिहरी ( घनसाली ) : राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा अपने टिहरी भ्रमण के दौरान टिहरी जिले के घनसाली बिधानसभा पहुंचे जहाँ उन्होंने वयोबृद्ध समाजसेवी बिहारीलाल जी से उनके घर पर जाकर मुलाक़ात की
राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा के साथ गांधीवादी, समाजसेवी एवं शिक्षाविद रहे 80 वर्षीय घनसाली बूढ़ाकेदार निवासी बिहारीलाल ने गंभीर बीमारी से जूझते हुए भी समाज के प्रति चिन्तित एवम एक प्रेरणा स्वरोजगार पर अपनी बात खुलकर बताई उन्होंने गंभीर बीमारी से जूझते हुए भी अनेकों प्रेरणादायक बातें बताई.
बिहारीलाल जी राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा से बात करते हुए अहम ब्रह्मास्मि' पर बोले जिससे सांसद की आंखों में आंसू आ गए.
उन्होंने पुरानी बाते याद करते हुए सर्वोदय आंदोलन चिपको आंदोलन की पीड़ा भी बताई.
उन्होंने बताया कि 'जीवन के मूल्य' क्या है.
राज्यसभा सांसद एवं कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रदीप टम्टा ने अपने आदर्शों में से एक बिहारीलाल को बताया एवम उनके सिद्धांतों विचारों को आगे ले जाने के प्रयासों को जीवन का एक उद्देश्य बताया.
सांसद टम्टा ने प्रेस को बताया कि आज लोक जीवन विकास भारती बूढ़ाकेदारनाथ में विहारी लाल जी से तथा परिवार व संस्था के साथियों से भेंट की । गांधी जी के विचारों तथा सर्वोदय आंदोलन को समर्पित विहारी लाल जी के विचारों को सुनना अपने आप में मेरे लिए एक नया अनुभव था । गम्भीर बिमारी से जूझ रहे श्री विहारी लाल जी को इस अवस्था में भी समाज व राज्य के प्रति चिंतित होते देखा । जल , जंगल व ज़मीन के ऊपर आ रहे संकट पर उनकी चिंता को देखा । आत्मनिर्भरता की बात और दूसरी ओर निजी हाथों पर जाती शिक्षा क्या हमें आत्मनिर्भरता की ओर ले जायेगी उस पर उनकी चिंता को सुना। समाज में व्याप्त असमानता के खिलाफ़ उनके अनुभव को सुना । उस क्षेत्र में डोला पालकी में समाज के वंचित तबके के संघर्ष व सभी लोगों के सहयोग की गाथा तथा खुद उनके विवाह में इस संकल्प को पूरा करने में सुन्दर लाल बहुगुणा जी , श्री चण्डी प्रसाद भट्ट जी व स्व इन्द्र मोहन बडोनी सहित सामाजिक कार्यकर्ताओं की भागीदारी के उस समय या दौर के भारतीय समाज की उथल-पुथल को बयां करती है ।
उन्होंने कहा कि चार - पांच साल बाद फिर उनसे मिलने के बाद दिल हल्का हुआ ।
अन्याय व असमानता के खिलाफ़ संघर्ष बेहद पेचीदा व लम्बा है लेकिन धैर्य व हिम्मत के साथ अपने पथ पर चलना ही हमारी नियति है एक दिन सत्य व न्याय की विजय भी सुनिश्चित है भले ही आज का दौर अंधकार का क्यों न हो । प्रतिगामी ताकतें कितनी ही मजबूत क्यों न हों ।
राज्यसभा सांसद ने कहा कि मैं लम्बे समय से उनसे भेंट की लालसा कर रहा था जो कि आज सम्भव हो पाया.
इस मौके पर अभिषेक भंडारी सहित कई कार्यकर्त्ता भी उपस्थित रहे.
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