अधेड उम्र के लोगों को 08 किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा कोरोना वैक्सीन लगाने को, प्रशासन साधे है चुप्पी
रिपोर्ट... वीरेंद्र नेगी
उत्तरकाशी.. उत्तराखंड में चाहे सरकारें विकास के पहिये की तेजी की बात करें लेकिन विकास तो सरकार की पोल खोल रहा है एक तरफ कोरोना दूसरे तरफ मौत.
कोरोना वैक्सीन मामला उतरकाशी जिले के पुरोला ब्लॉक के सर बडियार क्षेत्र में लोगों को कोविड-19 टीकाकरण करने के लिए भारी जोखिम उठाना पड़ रहा है।
टीकाकरण केंद्र गांव से करीब 8 किलोमीटर पैदल होने के कारण बुजुर्गों को कच्ची पगडंडियों पर घोड़ा खच्चर का सहारा लेना पड़ रहा है। जिससे कि स्थानीय लोगों ने सरकार पर जमकर फटकार लगाई और नाराजगी भी जताई है।
युवा सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश रावत ने अपनी बात सोशल मीडिया पर रखी और बताया कि लोग सर बडियार से आठ किमी पैदल चलकर और घोडे़ पालकी से लोग सरनौल पंहुचे जहां लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पडा़.
कृपा यह रही की रास्ते में कोई अनहोनी नहीं हुई नहीं तो यह कोरोना वैक्सीन मौत को किस तरह से न्योता देती यह तस्वीर बता रही है।
सर बडियार क्षेत्र में टीकाकरण केंद्र बनाए गए जहां पर 60से 80 वर्ष से अधिक के वृद्ध जनों को टीका लगवाने की व्यवस्था बनाई गई है लेकिन पुरोला ब्लॉक के सर बडियार क्षेत्र में सड़क का अभाव होने के कारण क्षेत्र के 8 गांव सर बडियार के ग्रामीणों एवं बुजुर्गों को पैदल व घोड़े खच्चरों के सहारे उबड़ खाबड़ रास्तों से 8 किलोमीटर पैदल दूरी तय करनी पड़ रही है। सर बडियार में स्वास्थ्य विभाग की टीम सड़क तक पहुंची लेकिन आगे नहीं बढ़ी.
मामला पुरोला ब्लाक की सर बडियार पट्टी के गांव का है।सर,लेवटाडी़ व किमंडार गांव के लिए उपकेंद्र सर बडियार में टीकाकरण केंद्र बनाया गया। जबकि कसलौं, छानिका गाँव डिंगाडी़, पौंटी और गौल गांव के लिए प्राथमिक विद्यालय पौंटी मैं टीकाकरण केंद्र बनाया गया.
60 वर्ष से लेकर 90 वर्ष तक के बुजुर्ग भी लाठी के सहारे मंगलवार सुबह 6:00 बजे घर से निकल पड़े किसी तरह से दोपहर बाद सरनोल पहुंचे। सरनौल से दर्जनों बुजुर्ग फिर कोरोना वैक्सीन लगाकर फिर घर निकले यानी इस खतरनाक रास्ते पर कभी भी कुछ हो सकता है लेकिन शासन और प्रशासन के सामने यह तस्वीर कई बार रखी जा चुकी है लेकिन अभी तक किसी प्रकार का समाधान नहीं हुआ अब देखना यह होगा कि सर बडियार के लोग कब तक यह मुस्किलें झेलतें हैं।
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