कोरोना चेन को तोड़ने के लिए लें घर पर ही रहने का संकल्प : सुशील बहुगुणा

रिपोर्ट.... ज्योति डोभाल 

टिहरी... कोरोना महामारी से बचने और कोरोना चेन को तोड़ने के लिए घर पर ही रहें तो अच्छा है घर पर रहकर कोरोना की चेन को तोड़ा जा सकता है । इसका एक ही ईलाज है संकल्प घर पर रहने का ।

यह जानकारी देते हुए  भाजपा बुद्विजीवी प्रकोष्ठ के संयोजक एवं रॉड्स अध्यक्ष सुशील बहुगुणा ने कहा कि जिन लोगों को थोड़ा खांसी जुखाम हो रहा है वह सीधे अस्पताल की तरफ भाग रहे हैँ और पैनिक हो रहे हैं ।

यदि आपको जुखाम खांसी हो रही है तो अलग कमरे रह कर सामान्य दवाई लें। घबरायें नही प्रत्येक व्यक्ति आज सर्दी जुकाम या बुख़ार के होने पर तुरंत घबरा के टेस्ट करवाने दौड़ रहा है.. इस चक्कर मे लोग घंटों लाइन में लग के धूप में अपना टेस्ट करवा रहे हैं.. इतनी भीड़ में लाइन लगने पर अगर संक्रमण न भी हुआ हो तो होने के चांस बहुत बढ़ जा रहे हैं..!!

ख़ुद का और अपने परिवारजन का जरा से सर्दी जुखाम में टेस्ट करवाने मत भागिये ।

 व्यवस्था पर उंगली उठाने से बेहतर है, उसे ठीक करने में जो हमारी अपेक्षित भूमिका है, उनका निर्वहन करें. 

लक्षण आ रहे हैं तो ये ठान लीजिये मन में कि आपको अपने आपको घर मे ही ठीक करना है..

विटामिन सी जिंक के साथ, बी काम्प्लेक्स, स्टीम, ज़्यादा लिक्विड डाइट, नारियल पानी वग़ैरह लीजिये.. बुखार के लिए पैरासिटामोल लीजिये.. ढेर सारे उल्टे सीधे काढ़े से बचिए, वो सब आपको बीमार ही करेगा सही करने के बजाए..

आनन फ़ानन में जो भी लोग तुरंत उल्टी सीधी एंटीबायोटिक ले रहे हैं उनका केस तुरंत कॉम्प्लिकेटेड हो रहा है.. ज़्यादातर ये दवाएं सीने के बलग़म सुखा दे रही हैं और फिर जैसे ही सूखता है बलग़म सांस में दिक़्क़त शुरू हो जा रही है.. इसलिए स्टीम और विटामिन लेते रहिये.. पैनिक कर के ज़्यादा दवाईयां ले कर बलग़म सुखाइये मत.. निकलने दीजिये उसे..पैनिक कीजियेगा तो ऑक्सीजन लेवल अपने आप गिर जाएगा.. कोई ज़रूरत नहीं है आपको बार बार अपना पल्स और ऑक्सीजन चेक करने की अगर आपको कोई तकलीफ़ नहीं है तो..

इतनी बड़ी मात्रा में लोग टेस्ट के लिये भाग रहे हैं और टेस्ट के बाद तुरंत अस्पताल के लिए दौड़ रहे हैं, उसी से चरमराया हुआ है सरकारी सिस्टम बिल्कुल ठप पड़ा जा रहा है.. ध्यान रखिये कि सौ में से अस्सी लोगों को बिना किसी दवाई के ही आराम हो जाता है.. बस विटामिन और मिनरल्स से ही वो चंगे हो जा रहे हैं..!!

जो घर मे ठीक हो सकते हैं वो अस्पताल की तरफ न दौडें। अस्पताल मे ऑक्सीजन ओर दवा सब पर्याप्त मात्रा में थी, लेकिन अचानक अपेक्षा से कई गुना ज्यादा लोग गंभीर हो गए जिनको अस्पताल की जरूरत थी उनको बेड नही मिल पा रहे हैँ ।इसलिये मेरा जनसामान्य से अनुरोध है कि  अस्पताल मे बेड को गंभीर रोगियों हेतु खाली रहने दें । गंभीर रोगीयों को बेड न मिलने पर मृत्यु बढ़ रही है. 

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