देवभूमि कहे जाने वाली उत्तरकाशी भी शर्मसार होती दिख रही है इस कोरोना काल में

रिपोर्ट : वीरेंद्र नेगी 

उत्तरकाशी : कोरोनाकाल के दो चरणों मे मौत का तांडव देखने को मिला. इस तांडव के बीच जहां कई शवों को जलाने के लिए श्मशान घाटों पर लम्बी लाइनें लगी रही, वहीं कई स्थानों पर अपने ही अपनों का अंतिम संस्कार भी नहीं कर पाए. जिसके कारण एसडीआरएफ और पुलिस को शवों को जलाना पड़ा. 

गंगा घाटों पर हुए अंतिम संस्कारों को लेकर लोगों को उम्मीद थी कि ये पूरे विधि-विधान से होंगे, मगर इसके ठीक उलट तस्वीर उत्तरकाशी के केदार घाट से सामने आई है. जहां घाटों पर शवों को कुत्ते नोंच रहे हैं.



उत्तरकाशी के मुख्य मोक्ष घाट केदारघाट पर ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं, जो कि मानवता को शर्मसार कर रही हैं. केदार घाट पर अधजले शवों को कुत्ते नोंच रहे हैं. जिसकी शिकायत स्थानीय लोग नगरपालिका और जिला प्रशासन से कर चुके हैं, लेकिन उसके बाद भी इन अधजले शवों के अंगों के पूर्ण संस्कार के लिए किसी प्रकार की व्यवस्था पालिका और प्रशासन की ओर से नहीं की गई है.

 

बता दें कि इस साल कोविड से मरे लोगों का अंतिम संस्कार केदार घाट पर किया गया था. जहां पर शवों का सही तरीके से अंतिम संस्कार न हो पाने के कारण अधजले शवों के अंग केदार घाट पर पड़े हैं. भागीरथी नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद कई अधजले शवों के अंग बह गए हैं. जो बह नहीं पाए उसे कुत्ते नोंच रहे हैं. 

Uk live ने इस संबंध में नगरपालिका अध्यक्ष रमेश सेमवाल से वार्ता लाप कि. उन्होंने बताया इस संबंध हमनें इस पर नजर बना रखी है. उनका  कहना है शिकायत आने के बाद घाट पर रहने वाले एक बाबा को अंतिम संस्कार के बाद साफ/सफाई का जिम्मा सौंपा गया है.

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