प्रसिद्ध समाजसेवी स्वर्गीय राम सेमवाल की पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि

 Riporting :Satyaprakash Doundiyal

टिहरी : -घनसाली क्षेत्र के   प्रसिद्ध समाज सेवी, उद्यमी, राज्य आंदोलनकारी  एवम सनातन धर्म व सस्कृति के साधक , शंकराचार्य श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के शिष्य, दो दर्जन से अधिक संस्थाओं के अध्यक्ष बहेड़ा ( घनसाली) के निवासी  स्व  राम सेमवाल् की  पुण्य तिथि पर  विभिन्न सामाजिक संगठनो, सामाजिक कार्यकर्ताओ,  जन प्रतिनिधियों ने  भावभीनी श्रद्धांजली अर्पित करते हुए  उनके व्यक्तित्व व कार्यो से प्रेरणा लेने का आह्वान किया।। घनसाली क्षेत्र के पहले उद्यमी के रूप में घनसाली में काष्ठ कला उद्योग के लिए  आरा मशीन लगाकर घनसाली के कस्बाई स्वरूप को बढ़ाया। तीन दशक तक प्रधान रहे। अस्सी  - नब्बे  के दशक में  उतराखंड के गांधी स्व इंद्रमणी बडोनी  के लोक कला संस्कृति के माधो सिंह भाव नाटिका के जरिये शैक्षणिक संस्थान खोलने में तथा उत्तराखंड  राज्य निर्माण के आंदोलन   के सहयोगी रहे। सनातन धर्म व संस्कृति के साधक  श्री राम सेमवाल् ने श्री राम जन्म भूमि आंदोलन में बढ़ चढ़ कर भाग लेकर  कार सेवक  के रूप में अयोध्या में भव्य राम मंदिर के लिए यात्राएँ की। उतराखंड  राज्य आंदोलन में राम पुर तिरहा में घायल हुए।  बद्री केदार मंदिर समिति के सदस्य रहे। घनसाली बाजार व्यवसायिक गतिविधियों के साथ  नब्बे के दशक मे जब आगे बढ़ रहा था तब  अच्छी शिक्षा के लिए    श्री देव सुमन युवक सेवा मंच  संस्था के सहयोग से श्री देव सुमन स्मारक विधालय  खोला गया । जिसमे श्री राम सेमवाल् का मार्ग दर्शन मिलता था।  शिशु मंदिर भी उसके बाद खोला गया।     श्री श्री राम सेमवाल् धर्म व संस्कृति के ध्वज वाहक के रूप में क्षेत्र को नई दिशा देते रहे। क्षेत्र का समाज संस्कार वान बने इसके लिए उन्होंने जीवन भर संघर्ष किया। शराब विरोधी आंदोलन के अगुवा कर्ता रहे । नशा मुक्ति व स्थानीय संसाधनो से रोजगार के लिए हमेशा प्रयास रत रहे। मद्य निषेध समिति के जिलाध्यक्ष रहे। उच्च शिक्षा के लिए बाल गंगा महा विधालय   , प्रथम केदार बेलेश्वर् में संस्कृत विधालय के साथ कई धार्मिक व शैक्षणिक संस्थानों के विकास के लिए प्रयास रत रहे। राज्य बनने के बाद वह हमेशा क्षेत्र के विकास के लिए रत रहे। घनसाली को जिला बनाने को लेकर उनका संघर्ष अंतिम समय तक जारी रहा ।  वह घनसाली जिला बनाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष थे।   सहज सरल स्नेह पूर्ण स्वभाव  व्यवहार के साथ  कुशल वक्ता  श्रीराम सेमवाल्  के जाने से  समाज को अपूर्णीय  क्षति हुई है। उनके घनसाली  जिला बनाओ के अभियान को आगे बढ़ा कर  भावभीनी श्रद्धांजली अर्पित की गयी।।

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