अपनी बारह सूत्रीय मांगो को लेकर आशा कार्यकत्रियों ने भरी हुंकार

 रिपोर्ट : ज्योति डोभाल 

नई टिहरी : शुक्रवार को आशा कार्यकत्रियों ने सुमन पार्क मे एकत्रित होकर अपनी बारह सूत्रीय मांगो को लेकर सरकार के खिलाफ हुंकार भरी. 

उत्तराखंड आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री यूनियन की जिलाध्यक्ष अनीता बिष्ट ने कहा कि सरकार हमारी मांगो पर ध्यान नही दे रही है जबकि हमने सरकार को कई बार चेता दिया है कि हमारी मांगे पूरी की जाये उसके बाद भी सरकार के कानो मे जूं तक नही रेंग रही है ऐसे मे आंदोलन के सिवाय हमारे पास कोई रास्ता नही बचता है. 

सीटू के उपाध्यक्ष खुसाल सिंह राणा ने सरकार को चेताते हुए कहा कि सरकार सारे काम आशाओ से करवाती है. आशाये विकट परिस्थितियों मे भी अपने काम को पूरी जिम्मेदारी के साथ करती हैं तो सरकार का इनके साथ ऐसा सौतेला ब्यवहार कहाँ तक उचित है. 

आशाओ ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कहा कि अगर सरकार हमारी मांगे नही सुनती है तो हम पूरे प्रदेश मे हड़ताल करेंगे जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी. 

आशाओ की मुख्य मांगो मे आशा वर्करों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा और न्यूनतम 21000 वेतन लागू किया जाए जब तक मासिक वेतन और कर्मचारी का दर्जा नहीं मिलता तब तक आशाओं को भी आंगनवाड़ी जैसी अन्य स्कीम वर्करों की तरह का मासिक मानदेय किया जाए. 

 सभी आशाओं को सेवानिवृत्त होने पर पेंशन का प्रावधान,  पैदल ड्यूटी वाली आशाओ को ड्यूटी के दौरान घुटनों में दिक्कतें होने पर एकमुश्त पैकेज की घोषणा के साथ ही  पूर्व सीएम द्वारा घोषित कोरोना भत्ता तत्काल आशाओं के खाते में डाला जाए और कोविड-19 में लगी आशा वर्करों को उनकी शुरुआत से ₹10000 मासिक कोरोना भत्ता भुगतान  के साथ ही पचास लाख  का जीवन बीमा और दस लाख  का स्वास्थ्य बीमा सहित बारह  मांगे शामिल है. 

आशाओ ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया. इस मौके पर काफी संख्या मे आशा कार्यकत्रियां उपस्थित रहीं. 

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