जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव की अध्यक्षता मे संपन्न हुई बालगणना जनपद स्तरीय संचालन समिति की बैठक
रिपोर्ट : ज्योति डोभाल
नई टिहरी : शिक्षा विभाग के तत्वाधान मे आयोजित बालगणना 2021-22 हेतु जनपद स्तरीय संचालन समिति की बैठक जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट सभागार में सम्पन्न हुई।
समग्र शिक्षा अभियान (प्रारंभिक) के तहत जिलाधिकारी की अध्यक्षता में इस समिति का गठन किया गया है। बाल गणना का उद्देश्य घर-घर सर्वेक्षण (House Hold Survey) के आधार पर वर्ष 2021-22 की बालगणना (ग्रामीण) एवं शहरी) सम्पादित किया जाना है। समग्र शिक्षा (प्रा०) के अर्न्तगत 6-14 वय वर्ग के बच्चों के शत-प्रतिशत नामाकन लक्ष्य प्राप्त करने के उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए यथासमय बालगणना को पूर्ण किया जाना आवश्यक है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के प्राविधानों के अनुसार जनपद में 6-14 आयु वर्ग के सभी बच्चों को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा प्रदान की जानी है। विद्यालय खुलने पर 6-14 आयु वर्ग के सभी बच्चों को चिन्हांकित करते हुए विद्यालयों में शत प्रतिशत नामांकन कराना मुख्य उद्देश्य है तथा विद्यालय से बाहर रह गये बच्चों हेतु विशिष्ट प्रशिक्षण की व्यवस्था की जानी है।
जिलाधिकारी ने कंस्ट्रक्शन साइट पर कार्य कर रहे मजदूरों के बच्चों की शिक्षा के सम्बंध में सीईओ, डीपीओ व पुलिस विभाग के अधिकारियों को संयुक्त निरीक्षण/सर्वे कर एक पखवाड़े के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है।
जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद स्तर पर जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक / अपर जिला परियोजना अधिकारी समग्र शिक्षा जनपदीय नोडल अधिकारी होंगे। सम्बन्धित जिला समन्वयक जनपद मे बालगणना / चाइल्ड ट्रैकिंग हेतु पूर्णतया उत्तरदायित्व होंगे। उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर बाल गणना का संकलित हस्ताक्षरयुक्त डाटा राज्य परियोजना कार्यालय को 31 दिसम्बर 2021 तक प्रेषित किया जायेगा।
वहीं विकास खण्ड स्तर पर खण्ड शिक्षा अधिकारी / उप शिक्षा अधिकारी सम्बन्धित विकास खण्ड के नोडल अधिकारी होंगे जो ब्लॉक स्तर पर बालगणना / चाइल्ड ट्रैकिंग हेतु पूर्ण रूप से उत्तरदायी होंगे। ब्लॉक स्तर पर संकलित कर हस्ताक्षरयुक्त (बुकलेट रूप में) संकलित सूचना जनपद कार्यालय को 15 नवम्बर 2021 तक प्रेषित करेंगे।
उन्होंने कहा कि संकुल स्तर पर संकुल के अर्न्तगत सेवित संकुल के संकुल समन्वयक / संकुल विद्यालय के प्रधानाध्यपक नोडल अधिकारी होंगे। संकुल समन्वयक संकुल स्तर पर बालगणना, Child traking हेतु पूर्ण रूप से उत्तरदायी होंगे। संकुल समन्वयक अपने क्षेत्र के समस्त बस्तियों की बालगणना का डाटा संकलित करते हुए। हस्ताक्षर युक्त सूचना विकास खण्ड के उप शिक्षा अधिकारियों को 31 अक्टूबर 2021 तक प्रेषित करने के निर्देश दिए है।
जिलाधिकारी ने कहा कि विद्यालय स्तर पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक एवं सहायक अध्यापक विद्यालय के सेवित क्षेत्र की समस्त बस्तियों हेतु घर-घर सर्वेक्षण करना, बालगणना / चाइल्ड ट्रैकिंग हेतु पूर्ण रूप से उत्तरदायी होंगे। प्रत्येक विद्यालय में ग्राम शिक्षा पंजिका (VER) / वार्ड शिक्षा पंजिका (WER) पूर्ण भर कर विद्यालय में उपलब्ध होनी अनिवार्य है ।
जिलाधिकारी ने मुख्य शिक्षाधिकारी को बालगणना से सम्बन्धित बस्तीवार पंजिका संकलन प्रपत्र एवं आँकड़ा संग्रह प्रपत्र प्रत्येक प्राथमिक विद्यालयों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है ।
कहा कि प्रत्येक वार्ड / बस्ती की बालगणना सुनिश्चित की जानी है, जिसमें उस क्षेत्र में स्थाई निवास व अस्थाई वाले यथा श्रम कार्य में संलिप्त रहने वाले सभी परिवारों के बच्चों को सम्मिलित किया जायेगा। इसके साथ ही दिव्यांग बच्चों को उनकी विशेष आवश्यकता के आधार पर अलग-अलग श्रेणियों में विभाजित कर अंकित किये जाने के निर्देश सीईओ को दिए है।
उन्होंने कहा कि विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी बालगणना में शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अनुसार अपवंचित एवं कमजोर वर्ग के बच्चों का चिन्हांकन किया जाए। इस हेतु उत्तराखण्ड निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली में उल्लिखित धारा 12 (1) (c) के अर्न्तगत 2d श्रेणी के अनुसूचित जाति जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अनाथ, दिव्यांग विधवा अथवा तलाक शुदा माता पर आश्रित एच०आई०वी० पीडित बच्चे एवं एच0आई0वी0 पीड़ित माता-पिता के बच्चे तथा धारा 12 (1)(c) के अर्न्तगत 2e श्रेणी के गरीबी रेखा से नीचे (BPL) एवं आर्थिक रूप से कमजोर (माता-पिता / अभिभावक की वार्षिक आय रूपये 55000 तक हो ) बच्चों को चिन्हांकित किया जाना है ।
उन्होंने बालगणना के संकलन में प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों के साथ-साथ आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को भी सम्मिलित किये जाने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में मुख्य शिक्षाधिकारी एसपी सेमवाल, जिला शिक्षाधिकारी बैसिक एसएस बिष्ट, जिला कार्यक्रम अधिकारी बबीता शाह के अलावा समस्त विकासखंडों के उप-शिक्षाधिकारी मौजूद थे।
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