जब आप वोट मांगने आओगे
कवि:सोमवारी लाल सकलानी,निशांत की कलम से
देखिए जनाब !
यह मेरे उत्तराखंड का विकास।
नाम तो बड़ा अच्छा है उत्तराखंड ,
मानवीय करतूतों ने कर दिया है,
सम्पूर्ण उत्तराखंड को खंड-बंड।
देखिए जनाब !
इक्कीस सालों का लेखा- जोखा।
क्या यही आपका असली विकास है ?
या पहाड़ के लोगों की तकदीर !
या पहाड़ की लाचारी का सबूत।
देखिए जनाब !
यह किसी असेवित क्षेत्र के चित्र नहीं,
बल्कि नगर से सटे स्थलों की आकृतियां हैं।
कितनी सरकारें आई और चली गई,
संपर्क मार्ग बनाने की किसी ने सुध न ली।
देखिए जनाब !
आखिरकार हम भी तो इंसान हैं।
भले ही गांधी छपे कागज के टुकड़े नहीं हैं,
उत्तराखंड बनने के दो दशक बाद भी
क्यों यह सुमन कालोनी मार्ग नहीं बन पाया है?
देखिए जनाब !
जब आप वोट मांगने आएंगे !
हम तुम्हें अवश्य रास्ता दिखाएंगे।
और पूछेंगे बार-बार एक ही प्रश्न,
क्यों आज तक यह मार्ग नहीं बना है?
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