गढ़वाली बोली भाषा के संरक्षण का बीड़ा उठाया रीतरैमाण सांस्कृतिक मंच ने
Team uklive
टिहरी : जनपद टिहरी गढ़वाल में गढ़वाली बोली व लोकसंस्कृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन हेतु रीतरैमाण सांस्कृतिक मंच लगातार प्रयासरत है। इसके तहत मंच समयसमय पर अनेक प्रतिष्ठित कवियों के साथ ऑनलाइन काव्यगोष्ठियों का आयोजन करता रहा है।
रीतरैमाण सांस्कृतिक मंच मातृभाषा सप्ताह के उपलक्ष्य में समस्त गढ़वाली भाषा के जानकारों,बोलने-सुनने वालों,उत्तराखंडवासियों तथा समस्त देशवाशियों का हार्दिक अभिनन्दन करता है। इसके साथसाथ एक विनम्र अपील भी करता है कि हम राष्ट्रभाषा के साथसाथ अपनी मातृभाषा पर भी गर्व करें उसे जानें, सीखें व दैनिक जीवन में उसका यथोचित उपयोग भी करें।
मातृभाषा सप्ताह के समापन अवसर पर आज रीतरैमाण सांस्कृतिक मंच के संरक्षक नरेंद्र गुंजन,अध्यक्ष सुनील'सुमित्र'डंगवाल,उपाध्यक्ष डॉ अम्बरीश चमोली,सचिव नवीन जोशी कोषाध्यक्ष नन्दी बहुगुणा व मीडिया प्रभारी रवि गुसाईं व समस्त संयोजक मण्डल ने हार्दिक शुभकामनाएं दी तथा आशा की कि भविष्य में निश्चित ही गढ़वाली को भी संविधान की 8वीं अनुसूची में स्थान प्राप्त हो सकेगा।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें