रिपोर्ट : ज्योति डोभाल
टिहरी : शनिवार को राजकीय स्नाकोत्तर महाविद्यालय नई टिहरी के जन्तु विज्ञान विभाग द्वारा डेवलपमेन्ट ऑफ डेटाबेस सेन्टर फॉर कंजरवेशन ऑफ हिमालयन फिश डार्यवसिटी विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के समापन सत्र के दौरान प्राचार्या डॉ रेनू नेगी ने कार्यशाला के सभी प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम भविष्य में डाटा बेस सेंटर के लिए उपयोगी सिद्ध होंगे। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में दून विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के विभागाध्यक्ष प्रो० एच० सी० पुरोहित ने अपने व्याख्यान में मत्स्य प्रजातियों का डेटाबेस तैयार करने के लिए आवश्यक संसाधनों , डेटाबेस की आवश्यकता, उपयोगिता प्रबन्धन एवं अपग्रेडेशन के साथ - साथ डेटाबेस को सरल , सुलभ और प्रभावी होने की आवश्यकता पर बल दिया.
अमोद मौटियाल सीनियर फिशरी उत्तराखण्ड द्वारा टिहरी जिले में नदियों के वेग एवं पानी की उपलब्धता के उपयुक्त मत्स्य प्रजातियों के चयन , प्रजनन , संवर्धन , संरक्षण एवं रख - रखाव की दी गयी, तथा साथ ही राज्य सरकार द्वारा चलायी जाने वाली योजनाओं एवं उनके लाभार्थियों के सफल प्रयासों से प्रतिभागियों को अवगत करवाया गया।
डॉ नौटियाल द्वारा छात्र छात्राओं एवं प्रतिभागियों के प्रश्नों एवं सभी जिज्ञासाओं का सन्तोषपूर्ण उत्तर भी दिया गया ।
डॉ सुमन सिंह गुसाईं तथा डॉ पुष्पा पंवार के द्वारा प्रतिभागियों को संबोधित किया गया। अंत में कार्यशाला की आयोजक सचिव डॉ कविता काला के द्वारा सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया गया। मंच का संचालन डॉ साक्षी शुक्ला के द्वारा किया गया। समापन समारोह में डॉ डी पी एस भंडारी, डॉ हर्ष नेगी, डॉ एस के कगड़ियाल, डॉ के के बंगवाल डॉ पदमा वशिष्ठ, डॉ आशा डोभाल, डॉ प्रीती शर्मा, डॉ हेमलता बिष्ट, डॉ निशान्त भट्ट, डॉ आरती खंडूरी, डॉ बी डी एस नेगी एवं तकनीकी कार्यों के सफल संचालन के लिए तकनीकी सहा० हरीश मोहन नेगी उपस्थित रहे।
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