रिपोर्ट : ज्योति डोभाल
टिहरी : मुख्यमंत्री नवाचार योजना के अन्तर्गत उच्च शिक्षा विभाग उत्तराखण्ड के तत्वावधान मे राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नई टिहरी के " डेटा बेस सैन्टर फॉर हिमालयन फिशेज - उत्तराखण्ड " जन्तु विज्ञान विभाग द्वारा डेवलपमेन्ट ऑफ डेटाबेस सेन्टर फॉर कन्जर्वेशन आँफ हिमालयन फिश डायवरसिटी विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया , कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य हिमालयी क्षेत्र में पायी , जाने वाली मत्स्य प्रजातियों का डेटा बेस तैयार करना है , जिसमें मत्स्य प्रजातियों से सम्बन्धित सभी प्रकार की महत्वपूर्ण जानकारियाँ कम्प्यूटर सिस्टम सेफ्टवेयर के रूप में उपलब्ध रहेगी , डेटाबेस समय - समय पर सेन्टर द्वारा अपडेट किया जाएगा , उपरोक्त डेटा बेस की जानकारियाँ शिक्षार्थीयों , शोधार्थियो , नीति निर्माताओं एवं मत्स्य व्यवसायियों के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
कार्यशाला के मुख्य अतिथि एवं वक्ता , मत्स्य विभाग उत्तराखण्ड के संयुक्त सचिव डॉ गणेश जोशी जी ने मत्स्यकी में रोजगार सृजन के अवसरों और नये आयामों पर विस्तार से चर्चा की तथा प्रतिभागियों से तकनीकी जानकारियां साझा की , हेमवती नंदन बहुगुणा के . केन्द्रीय विश्वविद्यालय जन्तु विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो . प्रकाश नौटियाल जी मे ऑनलाइन माध्यम से हिमालयी क्षेत्र एवँ देश के विभिन्न क्षेत्रों में पायी जाने वाली मत्स्य प्रजातियों की जैव - विविधता , आवास , जातिगत विशेषताओं एवं संरक्षण के लिए वैज्ञानिक प्रयासों से सम्बन्धित विस्तृत जानकारियां साझा की गई , केंद्रीय विश्वविद्यालय ' श्रीनगर गढ़वाल के पौड़ी परिसर के प्रो०अनूप डोबरियाल जी ने मत्स्य प्रजातियों के संर्वधन एवं संरक्षण के साथ- साथ इससे जुड़ी रोजागार की संभावनाओं पर अपना व्याख्यान ऑनलाइन माध्यम से प्रस्तुत किया , कार्यशाला की संयोजक प्रो ० रेनू नेगी प्राचार्य राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नई टिहरी द्वारा सभी प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह कार्यशाला मत्स्यकी से सम्बन्धित डेटाबेस तैयार करने तथा रोजगार की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगी , कार्यशाला की आयोजक सचिव डॉ कविता काला ने डेटाबेस सेन्टर की उपयोगिता पर प्रकाश डाला.
कार्यक्रम का सफल संचालन डॉक्टर आशा डोभाल व उपरोक्त कार्यक्रम में डाॅ भण्डारी . डॉ पदमा डॉ पुष्पा , डॉ कुलदीप रावत, डॉ पदमा वशिष्ठ , डा सुमन गुसाई , डॉ के के बँग्वाल , डॉ साक्षी , डॉ प्रीती शर्मा , डॉ इंदिरा जुगरान, डॉक्टर बी पी सेमवाल , डॉ कगाड़ियाल , डॉ हेमलता , डॉ निशन्त भन्, डॉ आरती, डॉ वर्मा एवं व तकनीकी कार्यों को सफल बनाने के लिए तकनीकी सहायक हरीश मोहन नेगी आदि उपस्थित रहे.
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