नियमों को ताक पर रखकर कार्य कर रहा सतपुली मे संचालित चौहान स्टोन क्रेशर

 रिपोर्ट भगवान सिंह सतपुली                                       

पौड़ी : जनपद के चौबट्टाखाल विधानसभा के सतपुली में संचालित चौहान स्टोन क्रेशर प्लांट को लगे हुए लगभग 10 साल पूरे हो गये है लेकिन इन 10 सालो से ये प्लान्ट के नियमो को ताक में रखकर जमकर रेत, बजरी कूट रहा है लेकिन अभीतक चौहान क्रेशर पर कोई कार्यवाही नहीं हो पायी है। आज सतपुलि उपजिलाधिकारी संदीप कुमार, पटवारी, तहसीलदार अचानक इस प्लान्ट पर पहंुचे जहां उन्होने प्लान्ट के सभी दस्दावेज को खंगाला साथ ही प्लान्ट का निरिक्षण के साथ-साथ भंडारन की भी नाप-छांप की। नाप-छाप करने के बाद उनको भी प्लान्ट में काफी खामियां नजर आयी।

सबसे पहले हम आपको स्टोन क्रेशर 2021 नीति के पेज नम्बर 6 क्रमांक में क्या नियम लिखे है बताते है आपको: -

1. स्टोन क्रेशर प्लान्ट/स्क्रीनिंग प्लान्ट इकाई के चारो तरफ चारदीवारी का निर्माण कराया जाना आवश्यक है।

2. स्टोन क्रेषर/स्क्रीनिंग प्लान्ट के अन्दर के सभी मार्ग पक्के करने होंगे।

3. प्लान्ट के सम्पूर्ण क्षेत्र से धूल हटाने की व्यवस्था तथा भूमि पर पानी का नियमित छिड़काव करने की व्यवस्था की जानी आवश्यक होगी।

4. प्लान्ट के चारो तरफ धूल वाले कणों को रोकने वाली प्रजातियों के पेड़ो की सघन हरित पट्टी जो न्यूनतम तीन परतो में हो उसका विकास कर उनको संरक्षित करना होगा। यह कार्यवाही अनुज्ञा प्राप्त करने के साथ ही प्रारम्भ करनी होगी तथा यह प्रक्रिया संयत्र चालू करने के 6 माह की अवधि के भीतर पूर्ण कर ली जायेगी।

5. अतिरिक्त भंडारन ना करना।


नियमानुसार सभी नियमो को स्वीकृति के कुछ माह के अन्दर पूरा होता है वरना प्लान्ट को निरस्त करने को कहा गया है लेकिन इनमें से एक भी नियम क्रेशर संचालक पूरा करता नहीं नजर नहीं आ रहा है जो कि आप तस्वीरो में भी देख सकते है। अब ये इसकी वर्षो से चली आ रही दादागिरी समझे या फिर शासन प्रसाशन की मिलीभगत ये अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि क्रेशर को लगे लगभग 10 वर्ष पूरे हो गये है लेकिन आज तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं हो पायी है।


आपको बतादे की ये प्लांट सड़क से लगा हुआ है इसके ठीक बगल में बनी सड़क पर प्रतिदिन सेकड़ो गाड़िया आवागमन करती है. 

इस प्लांट की उड़ती धूल के कारण उन्हें कई प्रकार की बीमारियों का सामना भी करना पड़ सकता है साथ ही आस-पास की बस्तियों के लोगो, जंगली जानवरों व साथ-साथ पर्यावरण में भी इससे खासा प्रभाव पड़ रहा है। हालाकि सतपुली उप जिलाधिकारी संदीप कुमार ने उचित कार्यवाही करने का भरोसा दिया है।


 संदीप कुमार उपजिलाधिकारी सतपुली 


अब सवाल यह होता है कि इतने वर्ष बीत जाने के बाद चौहान क्रेसर के द्वारा जो पर्यावण व लोगो के स्वास्थ के साथ खिड़वाड़ किया गया उसका जिम्मेदार आखिर कौन होगा। अब इसकी भरपाई क्रेसर मालिक से किस तरह की जाती है देखने वाली बात होगी।

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