अतीत के पल : वन पंचायत नावेतल्ली का गठन एवं स्थापना की स्मृति

Team uklive


रिखणीखाल : जनपद पौड़ी गढ़वाल के रिखणीखाल प्रखंड में बसा गाँव ग्राम नावेतल्ली के नाम से प्रचलित है।भारत 15 अगस्त,1947 को स्वतंत्र हुआ,इससे पहले ही इस गाँव के वन पंचायत का गठन की सुगबुगाहट होने लगी थी।जिसकी स्थापना व गठन दिनांक 11 जुलाई,1946 को ग्राम नावेतल्ली में तत्कालीन मालगुजार ठाकुर शेर सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई,जिसमें गाँव के ही ग्रामीणो में से वन पंचायत के लिए पदाधिकारियों व कार्यकारिणी का गठन किया गया।जिसमें निम्नलिखित चयनित किये गए-

सरपंच-  ठाकुर शेर सिंह रावत मालगुजार

कोषाध्यक्ष  पदम सिंह रावत

कार्यकारिणी सदस्य-  अनुवा सिंह रावत,नवल सिंह गुसाई,अमर सिंह रावत कुन्दन सिंह रावत मालगुजार,बैजू,दयाल सिंह रावत।

निरीक्षक-  आलम सिंह रावत


इसमें कुछ नियम,शर्तें बनाये गये जो निम्नवत है कि सभी सदस्य वन पंचायत के नियमों का पालन व सरपंच का फैसले मानेंगे।आय के साधन जुटाने के लिए कुछ अनाज व रकम जमा होगी जिसका उतरदायित्व श्री पदम सिंह रावत रहेगे।वे यथावत हिसाब भी रखेंगे जो सरपंच व अन्य सदस्यों की सहमति से व्यय होगा।फिलवक्त प्रति परिवार एक रुपया जमा करेगा सिर्फ ज्ञान सिंह,मंगल सिंह,चन्द्र सिंह पर पच्चास पैसे रखे है वे उस समय नाबालिग है।कोई टाल-मटोल नही होगी।महीने में एकदफा मीटिंग होगी।रास्ता नाप व बेनाप कोई नहीं रोकेगा।रास्ता,पानी व गूल की मरम्मत सब करेगे।घास के लिए सिर्फ अदरक,हल्दी,मिर्च के खेत में मनाही है बाकी कोई पाबन्दी नही होगी।ध्यान रहे नुकसान न हो।अपने गाँव को छोड़कर बाकी गाँव के लिए घास व पेड काटने की मनाही होगी।कोई पकडा गया तो दराती,कुल्हाड़ी जब्त होगी तथा जुर्म होगा।कोई बिना इजाजत पेड काटता है तो दो आना से लेकर आठ आना जुर्माना लगेगा।ज्यादा नुकसान पर सदस्यगण फिसला करेगे।गाय बकरी के नुकसान पर भी जुर्माना होगा।


मौजा महरकोट के सरहद पर अन्य गाँव को घास काटने,पेड काटने,स्योलू,मालू का पात,बांस,छैडी,बाबड,लकड़ी सब मना है।सिर्फ गाँव के लोग ही इन सबको काटने के हकदार होगे।बिना इजाजत वे भी पेड नही काटेंगे न नुकसान करेंगे।ये नियम 16/07/1946 से लागू होगे।भंडूखाल( खालिमा) का महरकोट में कोई हक नहीं होगा।वे अगरोडागैर से धमाधार तक रास्ता मरम्मत करेगे।


दिनांक 13/04/1947 को आम सहमति से गाँव में कपड़े सिलने के लिए जमनदास पुत्र कमलदास मौजा नौणियाखेत,पट्टी बिजलोट वल्ला को दर्जी कामकाज के लिए वसाकत किया उसको एक सिन्गर मशीन 105/_ में खरीदकर दी है,सालभर बाद पैसे वापस तथा मशीन उसी की होगी।मशीन का नम्बर 2358755 है।पंचायत की मंजूरी रजिस्टर्ड डाक द्वारा डिप्टी कमिश्नर गढ़वाल को भेजी है।


अब ऐसा रिकार्ड कहीं भी देखने को नहीं मिलता जबकि अब शत प्रतिशत साक्षर है।यहाँ इस लेख से पता चलता है कि भ्रष्टाचार व बेईमानी कहीं नहीं नजर आ रही है।हमे अपने पूर्वजों से सीख लेनी चाहिए।


रिपोर्ट संकलन- प्रभुपाल सिंह रावत ग्राम नावेतल्ली

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