विकास खंड रिखणीखाल के नाक के नीचे महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार ग्रामीण योजना की उड़ाई जा रही धज्जियाँ

Team uklive

रिखणीखाल-विकास खंड रिखणीखाल के नाक के नीचे महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार ग्रामीण योजना की खूब खिल्ली व धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं. 

रिखणीखाल प्रखंड के ग्राम पंचायत दलमोटा में मनरेगा के तहत वर्ष 2021-22 में पेयजल टैंक का निर्माण किया गया है।मनरेगा योजनानुसार केन्द्र सरकार द्वारा ग्रामीण बेरोजगार लोगों को प्रतिवर्ष सौ दिन का रोजगार उपलब्ध कराने के लिए धनराशि 60:40 के हिसाब से दी जाती है।जिसमें 60%मजदूरी भुगतान के लिए तथा 40% धनराशि योजना में प्रयुक्त सामाग्री क्रय हेतु दी जाती है।इस योजना में मजदूरी भुगतान सीधे जॉब कार्ड के माध्यम से धाताधारक के बैंक में अन्तरण करते हैं।


अब जो पेयजल टैंक निर्माण हुआ है उस टैंक पर एक लाख की धनराशि अंकित की है जिसमें श्रमान्श मजदूरी 26310 रूपये तथा प्रयुक्त सामाग्री मूल्य 55,995-59 दर्शाया गया है,जो कि मनरेगा नियमों के विपरीत है।जबकि एक लाख रुपये के कार्य में 60,000 श्रमान्श तथा 40,000 की निर्माण सामाग्री क्रय हेतु होना था।यदि वास्तविक रूप में या चश्मा उतारकर देखा जाये तो मुश्किल से 20,000 रुपये भी व्यय नहीं हुआ होगा।इस तरह से ग्रामीण महिलाओं व भोली भाली जनता को खूब खुला लूटा जा रहा है।क्योंकि अधिकतर महिलाए ही मजदूरी में रहती हैं।इनको कोई जानकारी व ज्ञान नहीं होता तथा इसका सीधा सीधा लाभ भ्रष्ट कर्मचारी व जनप्रतिनिधि द्वारा उठाया जा रहा है।ये सब मनरेगा से सम्बन्धित कर्मचारियों व पंचायत प्रतिनिधि की मिलीभगत से खूब फल फूल रहा है।


इस सम्बन्ध में स्थानीय ग्रामीण,समाजसेवी व सेवानिवृत्त अध्यापक  सतीश चन्द्र ध्यानी का कहना है कि ये हाल तो विकास खंड के ग्राम पंचायत दलमोटा के हैं जो कि प्रखंड मुख्यालय से मात्र तीन किलोमीटर दूरी पर है,प्रखंड मुख्यालय से दूरदराज गाँवो जैसे टकोलीखाल,द्योखर,चिलाऊ,तोलियोडाडा,डबराड आदि के क्या हाल होगे जहाँ तक कि पंछी भी नहीं पहुँच पाते।


कहने का तात्पर्य ये है कि ग्राम पंचायतों व कर्मचारियों द्वारा मनरेगा योजना की खूब खिल्ली व धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं।अब इन भोली भाली  बेसहारा महिलाओ व जनता की आवाज कौन सुनेगा?

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