विश्व वानिकी दिवस पर भटवाड़ी ब्लाक के भंकोली ग्राम में पौधरोपण किया गया

रिपोर्ट : वीरेंद्र नेगी 

उत्तरकाशी : अंतरराष्ट्रीय वानिकी दिवस के मौके पर राजकीय इंटर कालेज भंकोली के छात्रों व शिक्षकों  ने देवदार के पौधों को रोपित कर मनाया। इस अवसर पर विश्व वानिकी दिवस 2022 की थीम ‘वन और सतत उत्पादन और खपत‘ विषय पर संगोष्ठी भी आयोजित की गई जिसमें छात्रों ने अपने विचार साझा किये। 

प्रतियोगिता में प्रथम स्थान सौरभ कुमार ने द्वितीय स्थान कुमारी प्रियांशी ने तथा तृतीय स्थान कुमारी मुस्कान ने प्राप्त किया। प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्र  सौरभ कुमार ने कहा कि वन हमारी पृथ्वी के लिए फेफडों के समान है व पृथ्वी पर रहने वाले जीव-जंतुओं और मनुष्य के लिए आवश्यक है। अगर वन नहीं होंगे तो हमारा पृथ्वी पर जीवित रहना असंभव हो जायेगा। वनो से हमें कई प्रकार की आवश्यक वस्तुओं की प्राप्ति होती है व वन प्रकृति प्राण वायु आक्सीजन के संतुलन को बनाये रखने में मददगार है। द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाली छात्रा कुमारी प्रियांशी ने कहा कि वनों के घटने के कारण जंगली जानवर हमारे खेतों, घरों तक आ रहे हैं। वनो में पाए जाने वाले विशाल वृक्ष भूमि कटाव को रोकते है अगर वृक्ष नहीं होंगे तो बारिश की मात्रा में कमी आएगी। वन पानी का भरपूर संरक्षण करते है जिससे भूमिगत जल की समस्या उत्पन्न नहीं होती। 

वनो के कारण वातावरण में आर्द्रता बनी रहती है। तृतीय स्थान प्राप्त करने वाली छात्रा मुस्कान ने कहा कि वृक्षों में चिड़िया अपना घोंसला बनाती है और अन्य पशु-पक्षी वनों के आश्रय में अपना जीवन व्यतीत करते है। पशु वनों से मिलने वाले खाद्य सामग्री खाकर जीते है। वृक्षों के कारण ही बारिश होती है। वृक्ष नहीं रहेंगे तो बारिश का सारा जल समुन्दर में चला जायेगा। 


शिक्षक डाॅ. शम्भू प्रसाद नौटियाल ने कहा कि वनों में विभिन्न प्रकार के जीव-जंतु, पेड़-पौधे, कीट-पतंगे एक-दूसरे पर निर्भर होकर अपना जीवन बिताते हैं। इसलिए वनों को आग की भेंट चढ़ने से जैव विविधता को काफी हानि होती है इसके लिए सरकार को वनाग्नि रोकने के लिए सक्त कानून लाने चाहिए। यह दिवस वनों के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने और इनके महत्व को समझाने के तौर पर मनाया जाता है। 



वृक्षारोपण रोपण में माधव प्रसाद अवस्थी, दीपेन्द्र कोहली, संदीप रावत, अर्चना पालीवाल, पिंकी बहुगुणा, मनीषा राणा, सेवाराम पोसवाल, अनुपम ग्रोवर, सुभाष कोहली, ज्ञानचंद पंवार, स्पन सिंह, रमेश नाथ, महेश उनियाल आदि शिक्षकों सहित छात्र छात्राओं ने सहयोग किया।

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