विवादों मे घिरा उतराखण्डी लोक गायक धूम सिंह का जैंती गाना नये मोडों पर आ गया

रिपोर्ट : सागर सुनार 




देहरादून : हाल ही मे धूमसिंह रावत का जैंती गाना सुर्खियों मे बना है जिसमे जातिसूचक शब्द का प्रयोग कर गायक विवादों मे घिर गए हैं। घनसाली विधानसभा से कडा विरोध रुकने का नाम नही ले रहा है। इसी बीच सोशल मीडिया मे गायक धूम सिंह रावत व रज्जी गुसाई का विरोध ट्रेंड पकड रहा है।


सागर सुनार ने धूम सिंह रावत से इस मुद्दे पर जब वाद-विवाद चर्चा की तो धूमसिंह रावत के समर्थकों ने आपनी मर्यादा लांगते हुए उन्हें आपत्तिजनक कमेंट व मैसेज किए। यहां से मामला और भी गर्मा गया हैं। 


गौरतलब हो कि अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति एक्ट ( अत्यचार निवारण एक्ट) 1989 के तहत धारा 3(1) में कहा गया है कि किसी भी जाति समुदाय को जातिसूचक शब्द कहना अपराध की श्रेणी मे आता है। 


फिर भी धूम सिंह रावत के समर्थक सागर सुनार की पोस्ट मे आकर जातिसूचक शब्दों, अनुसूचितजाति के लोगों पर दबाव व जबरन गलत के विरोध मे आवाज को दबाने का जोर डाल रहे हैं। ऐसे स्थिति मे धूम सिंह रावत भी कानूनी दायरे मे फंस सकते हैं व उन्हें सजा हो सकती है।


सार्वजनिक कमेंट करने में पियूष शर्मा( चंडीगढ), राज चन्द्रा कार्यरत रा.होम्योपैथिक अस्पताल देहरादून(पौडी), सिंहजी (चतर सिंह) (सिलुडीगडारा बासरपट्टी व दिनेश दिन्नू (मसूरी) कार्यरत ओमान की फेसबुक आई.डी से जातिसूचक शब्दों, दबाव बनाने व जाति धर्म के अनुसार सौहार्द भडकाने का काम किया गया है।


अत: सागर सुनार ने ऐसी स्थिति में सवैधानिक रूप व आईटी एक्ट 67 तथा आईपीसी की धारा 153 A के तहत थाना घनसाली से मांग की है कि उक्त व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही हो क्योंकि यह लोग जो धर्म, नस्ल, भाषा, निवास स्थान या फिर जन्म स्थान के आधार पर अलग-अलग समुदायों के बीच नफरत फैलाने और सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।

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