उत्तरकाशी द्रौपदी का डांडा -2 में हुए हिमसंख्लन में खोजी दल अभी भी कर रहा कार्य.

रिपोर्ट : वीरेंद्र नेगी 



 उत्तरकाशी : द्रौपदी का डांडा चोटी आरोहण के दौरान हुए हिमस्खलन  की घटना में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी के दो प्रशिक्षु अभी भी लापता हैं. जबकि एक प्रशिक्षु का शव एडवांस बेस कैंप में है. मंगलवार को पूरे दिन भारी बर्फबारी होने के कारण खोज बचाव अभियान नहीं चल पाया. हेली रेस्क्यू भी पूरी तरह से बंद रहा. 



वहीं बुधवार को मौसम अनुकूल रहने पर रेस्क्यू अभियान चलाया गया.मातली हेलीपैड से द्रौपदी डांडा के बेस कैंप के लिए वायु सेना के हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी. बता दें कि, चार अक्टूबर को सुबह के करीब  उत्तरकाशी जिले की द्रौपदी डांडा टू पर एवलॉन्च आया था. इस दौरान नेहरू पर्वतारोही संस्थान  उत्तरकाशी के पर्वतारोहियों को एक दल जिसमें करीब 42 लोग शामिल थे, वो उसकी चपेट में आ गया था. 



इस हादसे में अब तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं 2 लापता हैं.4 अक्टूबर को उत्तरकाशी जिले के द्रौपदी का डांडा 2 के डोकरानी बामक ग्लेशियर क्षेत्र में एवलॉन्च की घटना हुई थी. जिसकी चपेट में एडवांस कोर्स प्रशिक्षण के लिए गए नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के प्रशिक्षु पर्वतारोही और प्रशिक्षक आ गए थे. 



जिनमें उत्तरकाशी की लौंथरू गांव की माउंट एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल, भुक्की गांव की पर्वतारोही नौमी रावत, अल्मोड़ा के पर्वतारोही अजय बिष्ट समेत 29 पर्वतारोहियों की मौत हुई  थी.

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