एक नए कानून की मांग : शादी समारोह या धार्मिक आयोजनों में असिमित संख्या प्रतिषेध अधिनियम: शान्ति प्रसाद भट्ट(एडवोकेट)

Team uklive



टिहरी : देव भूमि उत्तराखंड के सभी  निर्वाचित माननीय विधायकगणों से आग्रह है, कि  शादी समारोह/धार्मिक आयोजनों के लिए शीघ्र एक *असीमित संख्या प्रतिषेध* *अधिनियम* /कानून पारित करे, इस कानून में निम्नाकित प्राविधान सख्ती से लागू हो:


1:विवाह समारोह में शामिल होने वालो की संख्या सीमित की जाय, अनावश्यक का जमावड़ा न किया जाय।


2: शराब परोसना एक गंभीर व सामाजिक अपराध माना जाय। इस कृत्य पर सख्ती से रोक का प्राविधान हो।


3: डीजे बजाना यूं तो 10बजे रात्री तक ही वैध है, किंतु ग्रामीण क्षेत्रों में यह पूरी रात बजते है, और कई

दिनों तक बजते रहते है,,, इसे भी सख्ती समयबद्ध प्रतिबंधित  किया जाय।


4: बारात को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाने ले जानें वाले  वाहनों की फिटनेश प्रमाण पत्र पहले दिखाना होगा, और केवल फिट पाए गए वाहनों को ही अनुमति दी जाए। इन वाहनों के ड्राइवर/कंडक्टर को बिना शराब पिये ड्राइव करने की अंडरटेकिंग सौंपनी होगी।


5: न्यूता लिखने की प्रथा को भी गैरकानूनी बनाया जाय, इसे दहेज की श्रेणी में जोड़ा जाय।


6: वर वधु की शादी की उम्र को भी संशोधित किया जाय, वधु की शादी की उम्र 22वर्ष न्यूनतम हो, और वर की न्यूनतम उम्र 25वर्ष हो, और शादी के साल भर के अन्दर वर वधु को एक अंडरटेकिंग देनी होगी,कि वे दो से अधिक संतति को जन्म नहीं देंगे।

7: शादी समारोह के बाद मैरेज रजिस्ट्रेशन आवश्यक हो, और रजिस्ट्रेशन के वक्त किसी अधिवक्ता द्वारा वर ,वधु को प्रमाणित किया जाना आवश्यक हो ।

8: यह कानून बनाते वक्त संदर्भित केंद्रीय कानूनो का ख्याल रखा जाय।

9: अन्य धाराएं, उप धाराएं माननीय विधायकगण व्यापक चर्चा के बाद जोड़ घटा सकते है।

10: शादी समारोह या धार्मिक आयोजनों के संपन्न होने पर एक फलदार या चौड़ी पत्ती का गैरफलदार वृक्ष का रोपण कानून आवश्यक हो 

11: शादी समारोह या धार्मिक आयोजनों में प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध हो, और कचरे के निस्तारण की पूर्ण व्यवस्था हो।


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें