पलायन: खाली होते पहाड़ खुली बहस क्यों नहीं ? चुपके चुपके क्यों ?

Team uklive



टिहरी : कांग्रेस पीसीसी सदस्य एवं पूर्व बार एशोशिएशन के अध्यक्ष शांति प्रसाद भट्ट ने खाली होते पहाड़ सहीत कई मुद्दों पर  सवाल पूछे है. 

उन्होंने कहा उत्तराखंड उच्च न्यायालय नैनीताल को

 शिफ्ट क्यों किया जाए  ? 

 बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड में दो फाड़ क्यों?

सभी जिलों की बार एसोसिएशन की राय को सार्वजनिक क्यो नही किया गया ?

यदि उच्च न्यायालय शिफ्ट ही करना है,तो नरेंद्रनगर (टिहरी) में क्यो नही? या उच्च न्यायालय की एक बैंच

1: क्या उत्तराखंड उच्च न्यायालय पहाड़ से मैदान में आना चाहिए? यदि हां तो क्यो ? 

2: क्या इस निर्णय से राज्य निर्माण में शहीद हुए उन अमर शहीदो की आत्मा को  शांति मिलेगी? क्या राज्य निर्माण आंदोलनकारीयो की भावनाए आहत नही होंगी ?

3: क्या पहाड़ी राज्य की परिकल्पना पर एक और चोट नही है?

4: क्या यही हश्र उत्तराखंड की ग्रीष्म कालीन राजधानी गैरसैन पका नहीं हुआ ?

5: क्या उत्तराखंड में पहाड़ी जिलों की उपेक्षा होती रहेंगी ?

6:क्या अगले परिसीमन में पहाड़ की विधान सभा सीटे भी घट जायेगी?

7: क्या पहाड़ी जिलों में कोई एम्स, मेडिकल कॉलेज नहीं होगा?

8: क्या हर बड़ा निर्णय/प्रतिष्ठान पहाड़ से मैदान जायेगा?

9: जब जब भाजपा की सरकार आती है तभी यह मनमाने निर्णय क्यों होते है?

10: उत्तराखंड के अधिकाश सांसदों/विधायको/अधिकारियों की कोठियां देहरादून में है, इसलिए उन्हें शायद फर्क नहीं पड़ता है ?

  11:  क्या उत्तराखंड के पहाड़ी जिले की जनता को अब चिंतन मनन नही करना चाहिए ?

इन सभी मुद्दों को शांति प्रसाद भट्ट ने उठाया है और इनका जवाब भी सरकार से माँगा है. 

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