जोशीमठ में जेपी कालोनी के घरों को तोड़ने का फैसला, विस्थापितों के लिए 25 सालों की मियाद वाले प्रिफेब्रीकेटेड घर बनेंगे

Uk live
0

Team uklive



देहरादून - जोशीमठ में दरारों के बढ़ने का सिलसिला जारी है आंकड़ों की बात करें तो 849 भवनों में अबतक दरारें देखने को मिली हैं जिस में से 4 वार्ड के 165 भवनों को पूरी तरह से रहने के लिए असुरक्षित बताया गया है। 


सोमवार को आपदा सचिव रंजीत सिन्हा ने जोशीमठ भू-धसाव के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जोशीमठ में पानी के रिसाव में में कमी देखने को मिली है जो कि 240 एलपीएम से घट कर 163 हो गया है हालांकि अभी भी जोशीमठ की स्थिति गंभीर बनी हुई है।  स्थानीय निवासियों को लगातार विस्थापित किया जा रहा है अब तक 237 परिवारों के 800 लोगों को विस्थापित किया जा चुका है , जो स्थिति इस वक्त जोशीमठ में बन रही है उस से भवनों में दरारें देखे जाने की संख्या में और भी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है  । 


जोशीमठ रोपवे में हालांकि अभी तक कोई खतरे की बात नही है लेकिन हालातों के मद्देनजर रोपवे को लेकर इंजीनियर की नियुक्ति की गई है जो रोपवे की हर गतिविधि पर निगरानी रखेगा । जेपी कंपनी के कई भवनों में भी दरारें देखने को मिल रही है जिसको लेकर जिलाधिकारी द्वारा कंपनी प्रबंधन से वार्ता की जाएगी  , जोशीमठ के इलाकों में दरारें बढ़ने का सिलसिला लगातार जारी है जिसको लेकर भवनों की मॉनिटरिंग के लिए क्राको मीटर भी लगाए गए हैं जो दरारों के पैटर्न का अध्ययन करेंगे। 


स्थानीय निवासियों के विस्थापन की प्रक्रिया भी प्रशासन द्वारा शुरू की जा चुकी है , कोटि कॉलोनी , उद्यान विभाग , ढाक की भूमि सुरक्षित पति गई है , इन्ही स्थानों पर फैब्रिगेटेड भवनों का निर्माण किया जाएगा , प्रभावित आवासों का इस दौरान सर्वे किया जा रहा है और उन्ही आवासों के तर्ज पर प्री फैब्रिगेटेड भवन बनाए जाएंगे 



एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !