माघ मेला (बाड़ाहाट का थोलू) की छठवीं शाम संवेदना समूह के नाट्य प्रस्तुति के नाम रही

रिपोर्ट : वीरेंद्र नेगी 




उत्तरकाशी : माघ मेला (बाड़ाहाट का थोलू) की छठवीं शाम संवेदना समूह के नाट्य प्रस्तुति के नाम रही। जनपद के नाट्य दल संवेदना समूह की और से माघ मेले में गंगा अवतरण सहित उत्तरकाशी जनपद के वीर भड़ दो भाई नरु-बिजु सहित नरु-बीजोरा की प्रेमगाथा पर आधारित नाटक का सफल मंचन किया गया।                    संवेदना समूह ने माघ मेले का शुभारंभ लोक परम्परा पाथा दीप प्रज्ज्वलन के साथ की। जिसमें गंगा अवतरण की नृत्य नाटिका के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। 



उसके बाद उत्तरकाशी के दो वीर भड़ भाई नरु-बिजु की वीरता और नरु बीजोरा की प्रेमगाथा पर आधारित नाटक का मंचन किया गया। नरु और बीजोरा के प्रेमकथा का शुरुआत बाड़ाहाट के  थोलू से होती है। जहाँ पर नरु उस समय की प्रथाओं के विपरीत जाकर बीजोरा से शादी करते हैं और उसके बाद बीजोरा के गांव और क्षेत्र के लोगों की और से इसका विरोध किया जाता है और जिसके बाद गीठ पट्टी और तिलोथ सहित आसपास के क्षेत्र के लोगों का युद्ध होता है, लेकिन उसके बाद बीजोरा और अन्य लोगों के बीच बचाव के साथ युद्ध समाप्त होता है, साथ ही नाटक में गिठियों की पंचायत और नरु-बीजोरा के संवाद सहित बाड़ाहाट का थोलू का दृश्य सहित  इंद्रावती की गाड़ से नहर बनाने के दृश्य ने दर्शकों का जमकर मन  मोहा। 


नरु-बीजोरा नाटक में लेखन गीत-संगीत अजय नौटियाल, निर्देशन श्रीष डोभाल, परिकल्पना जयप्रकाश राणा, गंगा अवतरण में निर्देशन डॉ अजीत पंवारऔर नरु के किरदार में राजेश जोशी, बीजोरा गंगा डोगरा, बिजु संजय पंवार, टिहरी नरेश के रूप में दीवाकर बौद्ध, महिधर में जयप्रकाश नौटियाल, पंडित कौशल चौहान सहित विपिन नेगी, अंजली, दीपा, रोशन, सुबोध, आलोक, अरबाज, अंकित, सुधा, सिमरन, दीप्ती, संतोषी, प्रमोद,उत्तम, हरदेव,नितिन, देवराज माधव भट्ट, ने अभिनय किया। गायन में प्रियांशु और श्रुति रहे।गंगा अवतरण में शिव के किरदार में पवन गेरौला, भागीरथ विपिन नेगी और मां गंगा का अभिनय सिमरन ने किया।

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