रिपोर्ट : वीरेंद्र नेगी
उत्तराखंड राज्य जंहा 23 वर्ष का होने जा रहा है. यंहा कि सरकार जंहा उत्तराखंड को युवा वर्ग का उत्तराखंड कहता है. ये सब बाते सिर्फ नेताओ के भाषण में सुनने में अच्छा लगता है. नेताओ के भाषण से इतर उत्तराखंड कि सच्चाई कुछ और देखने को मिल रही है.
आज भी उत्तराखंड के कुछ भागो में आज भी जाति सूचक शब्द का उपयोग बड़े पैमाने में किया जाता है. जंहा सरकार सबको एक समान दिखाने कि कोशिश करती दिख रही है. वंही दूसरी और इससे अलग कुछ और देखने को मिल रहा है. आज भी कुछ ऐसे गाँव के मंदिर है. जंहा छोटी जाति के व्यक्तियों को मंदिर में जाना आज भी प्रवेश वर्जित है.
आपको विस्तार में बताये जनपद उत्तरकाशी मोरी ब्लॉक बेनोल गांव में 21 वर्षीय युवक जो अनुसूचित जाति का है. वहां अपने बनौल गाँव के मंदिर में दर्शन के लिए गया. युवक को मंदिर में प्रवेश करते देख स्वर्ण जाति के चार से पांच व्यक्तियों ने मंदिर में बंधक बनाकर उसे जलते हुए अंगारों से उस युवक को बुरी तरह से उसके शरीर के अंग को कई जगह से जला दिया. साथ ही पूरी रात भर पीड़ित युवक को मंदिर के अंदर रखा और सुबह युवक को बेहोशी की हालत में नग्न अवस्था में मंदिर से खींच कर मंदिर चौक में लाया.साथ ही युवक को जान से मारने की धमकी भी दी गई.
युवक किसी तरह से वहां से भाग कर नग्न अवस्था में अपने घर की तरफ भागा.युवक को मारते समय जाति सूचक शब्द का उपयोग भी किया गया. जंहा रास्ते में कुछ युवको ने पीड़ित युवक को देखा जो नग्न अवस्था में भाग रहा था. उसे अपने कपड़े देकर उस युवक को उसके घर पहुंचाया.
आज युवक के परिजनों ने थाना मोरी में आकर उक्त व्यक्तियो के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई. जिसमे उक्त व्यक्तियों के खिलाफ धारा 147,323,504,506 की पुलिस ने दर्ज किया है. वंही परिजनों का कहना है की अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. यदि 24 घंटे के भीतर अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं होती है तो पीड़ित के परिजन थाना मोरी में कल चक्का जाम रैली प्रदर्शन करेंगे.
जंहा सरकार व् प्रशासन बड़े -बड़े दावे करते दिखते है. उसके उलट कई गाँवों में आज भी इससे उलट देखने को मिलता है. मोरी ब्लाक से बनौल गाँव की दुरी 5 से 6 किमी की दुरी पर है. ये घटना 9 जनवरी की सांय को हुई थी. उक्त व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ 11 जनवरी को. इस पर प्रसाशन कितने जल्द कार्य करता है. ये देखने का विषय है ?