रिपोर्ट : वीरेंद्र नेगी
उत्तरकाशी : सर्वोच न्यायलय ने जिला पंचायत उत्तरकाशी को मिली बड़ी राहत, माघ मेले की तैयारी जोरों पर।नगरपालिका डालना चहाती थी मेला में रोडा, हाईकोर्ट से भी लगा झटका ।
माघ मेला के निविदा पर हाईकोर्ट से लगी रोक पर सोमवार को देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला देते हुए जिला पंचायत को निविदा पर लगी रोक को हटा दिया है।
जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि न्यायपालिका पर हमारा भरोसा है जिस प्रकार से कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा जिला पंचायत को बदनाम करने की कोशिश कर रहे थे. सुप्रीम कोर्ट का फैसले ने उन्हें कड़ा तमाचा लगा दिया है।
उन्होंने कहा कि जिस ठेकेदार द्वारा मुझे व्यक्तिगत रूप से बदनाम करने की कोशिश की है मैं उनके खिलाफ मानहानि का दावा कराऊंगा। उन्होंने कहा कि माघ मेला उत्तरकाशी की पौराणिक मेला है कंडार देवता एवं हरि महाराज के सानिध्य में माघ मेला का भव्य आयोजन होगा । उन्होंने कहा कि आगामी 14 जनवरी को प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मेले का उद्घाटन करेंगे।
उल्लेखनीय है कि माघ मेला 2023 उत्तरकाशी का निविदा खुलने की तिथि 4 जनवरी को थी, लेकिन उसी दिन कुछ लोगों ने हाईकोर्ट में चुनौती दे दी थी हाईकोर्ट नैनीताल ने माघ मेले की निविदाओं को आगामी 15 फरवरी तक रोक लगा दी थी । जिससे 14 जनवरी से संपन्न होने वाला मेला खटाई में पड़ गया था।
जिला पंचायत ने उक्त फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई हुई कोर्ट ने सुनवाई के बाद हाई कोर्ट नैनीताल के फैसले को पलटते हुए निविदाओं पर लगी रोक हटा दिया है । इससे जहां जिला पंचायत को एक बड़ी राहत मिली वहीं विरोधियों को भी करारा झटका लगा है।
जिला पंचायत अध्यक्ष का कहना है. इस बार नगरपालिका बाराहाट भी बहती गंगा में हाथ हाथ धोने के मूड में है दिख रही थी , कभी डीएम दफ्तर के चक्कर काटकर मेले को करवाने कि बात कर रहा तो कभी जिला पंचायत के लिए रोडा डाल रही थी।ये सब मामले को देखते हुए जिलाध्यक्ष दीपक बिजल्वाण ने नगर पालिका का फिर भी स्वागत किया. उन्होंने कहा माघ मेला भव्य रूप से होगा. इसमें हम नगर पालिका का भी स्वागत करेंगे.
इतना ही नहीं नगरपालिका बाडाहाट ने माघ मेला करवाने को लेकर के हाईकोर्ट में रिट पिटिशन डाली थी पालिका के अधिशासी अधिकारी उपेंद्र सिंह चौहान ने भी इस बात को स्वीकार किया है। लेकिन हाईकोर्ट से खबर आई है कि उनकी रिपीटेशन मेंशन भी नहीं हुई है। यानि डिसमिस हो गई है इससे नगर पालिका अध्यक्ष को बड़ा झटका लगा है।
उल्लेखनीय है कि 1970 का बना बायलॉज में ढाई माह तक रामलीला मैदान जिला पंचायत के अधिन रहता है। कई दशकों से जिला पंचायत माघ मेला का आयोजन करते आ रही है।
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