Team uklive
टिहरी : कांग्रेस प्रदेश पीसीसी सदस्य शांति प्रसाद भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड में लगातार पेपर लीक मामलों, भर्ती घोटालों में भाजपा नेताओं की संलिप्तता से बेरोजगार युवाओं में भारी बैचैनी और गुस्सा है , बेरोजगारो की चिंता बढ़नी लाजमी है, चुकीं कई युवा लगातार, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते करते अब उम्र के उस पड़ाव पर आ गए है, जहां उनके लिए एक एक दिन महत्वपूर्ण है, और इसी चिंता से युवाओं में अवसाद जैसी स्थिति पैदा हो रही है, इसलिए उनका गुस्सा जायज है, लेकिन सरकार का रवैया भी कतई उचित नहीं है, सरकार के नुमाइंदे बेरोजगारो से दुश्मन जैसा व्यवहार कर रही है, यह अत्यंत नाजुक समय है, इस नाजुक समय में सरकार ने बेरोजगारो पर लाठी चार्ज करवा कर उन्हे लहू लुहान करना और फिर बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पवार और टिहरी के युवा हरिओम भट्ट सहित अन्य को गिरफ्तार कर जेल भेजना निंदनीय था.
इस नाजुक वक्त पर जब बेरोजगार परेशान है, तब सरकार को एक जिम्मेदार अभिभावक के रुप में बेरोजगारों से व्यवहार करना चाहिए था.
आज हालात यह हो गए कि कोई भी इस सरकार और उनके नुमाइंदों पर रत्ती भर भी भरोसा नहीं कर रहा है,चुकीं सरकार अनुभवहीन लोगों के हाथों में है, और सरकार और अधिकारियो में तालमेल नहीं है, इसलिए वे लगातार बेरोजगारो की मांगों को लाठी से और अपने कर्कस, उलजुलूल बयानों से कुचलना चाहते है , भाजपा के सांसद, विधायक, और पार्टी के नेता भी बेरोजगारों के आन्दोलन और उनकी मांगों पर एक प्रकार से मूक दर्शक बने हुए है, अभी तक किसी भी भाजपा सांसद, विधायक ने बेरोजगारो का खुलकर समर्थन नही किया है.
कहा कि भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्रियों खंडूरी जी, कोश्यारी जी, विजय बहुगुणा, त्रिवेंद्र रावत , तीरथ सिंह रावत ने भी बेरोजगारो की मांगों पर सरकार का ध्यानाकर्षण नहीं किया है , जबकि प्रतिपक्ष कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत , प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा , पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह , गणेश गोदियाल और कांग्रेस के कार्यकर्ता हर जिले ब्लाक में लगातार बेरोजगारों की मांगों के समर्थन में संघर्षरत है।
उन्होंने कहा कांग्रेस पार्टी का हर नेता कार्यकर्ता बेरोजगारो के साथ खड़ा है, पर सरकार है, कि सत्ता ने नशे में बेरोजगारों को कुचलने पर आमादा है।
शांति भट्ट ने कहा कि अभी भी समय है, सरकार बिना विलंब किए बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार , हरिओम भट्ट और साथियों को रिहा करवाए, इन पर लगाए गए मुकदमों को वापस ले सरकार,बेरोजगारो की मांगों को तत्काल माने, और ज़िम्मेदार अभिभावक की भूमिका अपनाएं।
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