जिलाधिकारी देहरादून सोनिका के फैसले से नाराज हुआ उत्तराखंड इंजिनियर फेडरेसन

Team uklive


देहरादून : जिलाधिकारी देहरादून द्वारा लोक निर्माण विभाग ऋषिकेश के अधिशासी अभियंता पर कराई गई एफ आई आर के विरोध में आज उत्तराखंड इंजीनियर फेडरेशन की महत्वपूर्ण ऑनलाइन बैठक आयोजित की गई। उक्त बैठक में जिलाधिकारी देहरादून द्वारा लोक निर्माण विभाग ऋषिकेश के अधिशासी अभियंता पर एक तरफा की गई अलोकतांत्रिक कार्यवाही का कड़ा विरोध किया गया। बैठक में संज्ञान में लाया गया कि

 दिनांक 21.04.2023 को विभिन्न समाचार पत्रों एवं न्यूज़ पोर्टल में प्रकाशित में हुआ कि जॉलीग्रान्ट से ऋषिकेश तक सड़क निर्माण / सुधारीकरण कार्यों में लापरवाही बरतने पर लो०नि०वि०, अधिशासी अभियन्ता के खिलाफ कडा ऐक्शन लिया गया, डी०एम० सोनिका ने जौलीग्रान्ट से ऋषिकेश तक के सड़क निर्माण / सुधारीकरण कार्यों में लापरवाही बरतने पर उपजिलाधिकारी ऋषिकेश को लो०नि०वि० के अधिशासी अभियन्ता के विरुद्ध एफ0आई0आर0 दर्ज करने के निर्देश दिये है। डी०एम० के निर्देशों के क्रम में उपजिलाधिकारी ऋषिकेश ने लो०नि०वि० के अधिशासी अभियन्ता श्री धीरेन्द्र कुमार के विरुद्ध रानीपोखरी थाने में तहरीर दी है। यह भी संज्ञान में लाया गया कि उसके बाद जिलाधिकारी के निर्देशों के क्रम में बार-बार अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग ऋषिकेश को थाने आने का दबाव डाला गया। राजस्व विभाग के कर्मचारी द्वारा लोक निर्माण विभाग अधिशासी अभियंता को दूरभाष पर रात भर फोन करके बार-बार थाने आने के लिए दबाव डाला गया। बैठक में सभी वक्ताओं द्वारा उक्त पर जिलाधिकारी देहरादून के गैर जिम्मेदाराना कृत्य की कड़ी निंदा की गई। उक्त से यह प्रतिपादित हो रहा है कि जिलाधिकारी देहरादून द्वारा अपने कार्य क्षेत्र से बाहर जाकर गैर पेशेवर तरीके से अनैतिक रूप से लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता, जो स्वयं प्रथम श्रेणी अधिकारी हैं, के साथ दुर्व्यवहार किया गया है। 


यहां यह समीचीन है कि लोक निर्माण विभाग ही नहीं अपितु समस्त अभियंत्रण विभागों के अभियंता रात दिन एक कर के प्रदेश के विकास कार्यों को आगे बढ़ा रहे हैं और राज्य में बिजली-सड़क-पानी व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए 24 घंटे सातों दिन काम कर रहे हैं। परंतु वृहद कार्यक्षेत्र होने एवं सीमित संसाधन होने तथा प्रशासन स्तर पर विभिन्न कार्यों को मिलने वाली प्रशासनिक देरी होने के कारण कार्यों में देरी होना स्वाभाविक है। तथापि विभिन्न अभियंत्रण विभागों के अभियंता विकास कार्यों को न्यूनतम समय सीमा में करने के लिए प्रयासरत रहते हैं। जहां जिलाधिकारी जिले का सर्वोच्च अधिकारी होता है, वहीं जिलाधिकारी का यह भी कर्तव्य है कि जिले के सभी अधिकारियों के साथ उचित सामंजस्य बनाते हुए विकास कार्यों को शीघ्र से शीघ्र पूर्ण कराएं। विभिन्न जिलाधिकारियों द्वारा ऐसा करके दिखाया भी गया है व दिखाया भी जा रहा है। राज्य की विभिन्न आपदाओं में , विभिन्न यात्राओं में, कुंभ मेला में एवं अन्य कार्यक्रमों में प्रशासन द्वारा एक सहयोगी के रूप में सहयोग करते हुए अभियंताओं को कार्य करने में यथासंभव सहायता प्रदान की जाती है। परंतु जिलाधिकारी देहरादून द्वारा वर्तमान में किया गया गैर जिम्मेदाराना कृत्य उनकी प्रशासनिक अक्षमता को भी प्रदर्शित करता है। 

दिनांक 21.04. 2023 जो प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई है ,उसकी भाषा भी अत्यंत अपमानजनक है। उक्त प्रेस विज्ञप्ति में लिखा गया है कि

*""जौलीग्रांट से ऋषिकेश तक के सड़क निर्माण/सुधारीकरण कार्यों में लापरवाही/देरी पर उप जिलाधिकारी ऋषिकेश द्वारा लोनिवि के अधिशासी अभियंता धीरेंद्र कुमार के विरुद्ध रानीपोखरी थाने में तहरीर दी गई थी। *उक्त सूचना के असर एवं कार्यों की गंभीरता* को दृष्टिगत रखते हुए लो.नि.वि द्वारा सड़क सुधारीकरण एवं गड्डा भरान कार्यों को पूर्ण करवाया लिया गया है, जिसके फलस्वरूप उप जिलाधिकारी ऋषिकेश द्वारा तहरीर वापस ले ली गई है तथा भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही न बरतने की चेतावनी दी गई है।   


इस प्रकार जिलाधिकारी देहरादून द्वारा लगातार अभियंताओं के मान सम्मान का जानबूझकर लगातार हनन किया जा रहा है अतः ऑनलाइन बैठक में तय किया गया यदि जिलाधिकारी देहरादून द्वारा उपरोक्त दर्ज कराई f.i.r. को बिना शर्त निरस्त करने संबंधी पत्र नहीं लिखा जाता व इस प्रकार की किए गए व्यवहार के लिए खेद व्यक्त नहीं किया जाता तो कल दिनांक 23.4 2023 को फेडरेशन भवन, यमुना कॉलोनी, देहरादून में अपराहन 3:00 बजे समस्त घटक संघों के पदाधिकारियों की बैठक की जाएगी। उक्त बैठक में उत्तराखंड पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन, उत्तराखंड लोक निर्माण विभाग अभियंता एसोसिएशन ,सिंचाई विभाग अभियंता एसोसिएशन, जल निगम एसोसिएशन ,जल संस्थान अभियंता एसोसिएशन, ग्रामीण निर्माण विभाग अभियंता एसोसिएशन ,लघु सिंचाई विभाग अभियंता एसोसिएशन के प्रांतीय पदाधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया जाएगा तथा उक्त बैठक में विचार-विमर्श कर आगे की रणनीति तय की जाएगी। 




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