डॉ हरीश बहुगुणा को मिला वर्ष २०२२ के लिए प्रतिष्ठित राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरुष्कार

Uk live
0

Team uklive



टिहरी : डॉ हरीश बहुगुणा को वर्ष २०२२ के लिए  प्रतिष्ठित राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरुष्कार महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा दिनांक २४ जुलाई २०२३ को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में प्रदान किया गया।  यह पुरष्कार खान मंत्रालय भारत सरकार द्वारा हर वर्ष देश के सर्वश्रेष्ठ भूवैज्ञानिकों को प्रदान किया जाता है।  डॉ बहुगुणा इस समय भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के केंद्रीय मुख्यालय कोलकाता में उपमहानिदेशक के रूप में कार्यरत हैं।  

डॉ हरीश बहुगुणा उत्तराखंड के टिहरी जनपद के सावली लावधार ग्राम के मूल निवासी  हैं। और इस पुरुष्कार को पाने वाले वह टिहरी उत्तरकाशी क्षेत्र से पहले व्यक्ति हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा ऋषिकेश के श्री भरत मंदिर इंटर  कॉलेज  से हुई इसके बाद इन्होने राजकीय महाविद्यालय ऋषिकेश से स्नातक की उपाधि भौतिक विज्ञान और भूविज्ञान विषय से प्राप्त की।  डॉ बहुगुणा ने स्नातकोत्तर की उपाधि वर्ष १९९२ में भू विज्ञान विषय में डी बी एस कॉलेज देहरादून से प्राप्त की और उस वर्ष वे विश्वविद्यालय के टॉपर रहे। इसके पश्च्यात उन्हें अभियांत्रिक भूविज्ञान के विषय पर हेमवती नंदन बहुगुणा  केंद्रीय विश्वविद्यालय से पी एच डी की उपाधि वर्ष २०१६ में प्रदान की गयी।   उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित भूविज्ञानी परीक्षा उत्तीर्ण कर भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण में भू विज्ञानी के रूप में नियुक्ति दी।  डॉ बहुगुणा का मुख्य योगदान देश की कई महत्वपूर्ण जल विद्युत् परियोजनाओं  जैसे  कि सरदार सरोवर बाँध, टिहरी बाँध परियोजना , कोटेश्वर बाँध परियोजना , श्रीनगर जल विद्युत परियोजना , तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना , भिलंगना जल विद्युत परियोजना, व्यासी जलविद्युत परियोजना एवं लखवार जल विद्युत परियोजना प्रमुख हैं।  इसके अतिरिक्त डॉ बहुगुणा ने नेपाल की महत्वाकांक्षी सप्तकोशी जल विद्युत परियोजना के अन्वेषण में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।  

जलविद्युत परियोजनाओं केअतिरिक्त डॉ बहुगुणा ने देश के कई राज्यों में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है जिनमे से प्रमुख्तयः वर्ष २००० में  भावनगर गुजरात में आये भूकम्पीय झटकों का सर्वेक्षण , २००१ में भुज गुजरात में आये  विनाशकारी भूकंप का अध्ययन सिक्किम , उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश तथा जम्मू कश्मीर एवं   लद्दाख  क्षेत्रों में भूस्खलनों का अध्ययन एवं उनके उपचार सम्बन्धी सुझाव इत्यादि सम्मिलित हैं।  डॉ बहुगुणा को उनके अनुभव  और विशेषघ्य्ता के कारण भरत सरकार एवं उत्तराखंड सरकार द्वारा गठित कई विशेषघ्य  समितियों में नामित किया गया। डॉ बहुगुणा ने ३० से अधिक  शोध पत्रों तथा अभियांत्रिक भूविज्ञान तथा भूस्खलन विषयों पर तीन पुश्तकों का लेखन भी किया है जिन्हे कि भारत सरकार द्वारा प्रकाशित किया गया है।  उन्हें उत्तराखंड जल विद्युत निगम द्वारा वर्ष २०१७ के आउटस्टैंडिंग पर्सनेल ऑफ़ दी   ईयर के पुरुष्कार से सम्मानित किया गया  था।

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !