सिंचाई नहर ध्वस्त. विभाग मस्त.जनता त्रस्त

रिपोर्ट : वीरेंद्र सिंह नेगी 


उत्तरकाशी : जिला मुख्यालय से महज पांच किमी पर स्थित गणेशपुर गांव में एक सप्ताह पूर्व क्षतिग्रस्त सिंचाई नहर की जब विभाग ने सुध नहीं ली। तो गणेशपुर की महिलाएं स्वंय ऊफान पर बह रहे गद्देरे के पास पहुंची। जहां से महिलाओं ने गांव के पुरुषों के साथ मिलकर अपनी धान की रोपाई के खेतों के लिए करीब 2 किमी वैकल्पिक सिंचाई नहर का निर्माण किया। महिलाओं को कहना है कि एक सप्ताह से सिंचाई विभाग के अधिकारी महज पांच किमी की दूरी पर सुध लेने नहीं पहुंचे। 

मानसून सीजन के विभागीय अधिकारी कितने संजीदा हैं। इसकी बानगी जिला मुख्यालय से महज पांच किमी दूरी पर स्थित गणेशपुर गांव में देखने को मिल रही है। गणेशपुर गांव के प्रदीप राणा सहित महिला मंगल दल अध्यक्ष मीना राणा,प्रियंका देवी,नंदा देवी,गंगेश्वरी,पूजा,नीलम और अरविंद रावत,जगत नेगी,सब्बल सिंह,लोकेंद्र ने बताया कि एक सप्ताह पूर्व उनके गांव के समीप बहने वाले गद्देरे के ऊफान पर आने के कारण उनकी धान के खेती की सिंचाई नहर पूर्णत क्षतिग्रस्त हो गई थी। 


जिसकी सूचना विभाग को भी दी थी। लेकिन उसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। जिससे ग्रामीणों के सामने धान की रोपाई की समस्या खड़ी हो गई। जिसको देखते हुए ग्रामीण महिलाएं और अन्य ग्रामीण स्वंय मौके पर पहुंचे। उसके बाद श्रमदान से सबने मिलकर करीब 2 किमी लंबी वैकल्पिक नहर का निर्माण किया। जिसके बाद ग्रामीणों के खेतों में पानी पहुुंचा और काश्तकारों ने अपने खेतों में धान की रोपाई शुरू की।

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