खैट पर्वत पर योग यूनिवर्सिटी के साथ इंटीग्रेटेड संस्कृत महा विद्यालय स्वर्गीय महाराजा मानवेंद्र शाह के नाम पर खोलने के लिए अभियान चलाया जाएगा : CA राजेश्वर पैन्यूली
Team uklive
दिल्ली : बुधबार को टिहरी सांसद महारानी माला राज्यलक्ष्मी शाह से राजेश्वर पैन्यूली से उनके दिल्ली निवास स्थान पर जन्मदिन की बधाई दी.
उन्होंने उनके सम्मुख प्रस्ताव रखते हुए कहा कि प्रतापनगर विधानसभा, टिहरी गढ़वाल स्थित खैट पर्वत में डेस्टिनेशन योगपीठ विकसित किए जाने की अपार संभावना हैं।
समुद्र तल से 7500 फीट की ऊंचाई पर टिहरी झील से सटा खैट पर्वत अनोखी कहानियों और रहस्यमयी दुनिया अपने आप में समेटे है।
उन्होंने बताया कि मान्यता है कि यह देवियां का सिद्ध स्थान है। इस जगह को परियों (आछरीयों )का स्थान भी कहा जाता है। यहाँ पर प्राकृतिक वातावरण मे प्रशिक्षित प्रशिक्षकों प्रशिक्षित योग प्रशिक्षक, संस्कृत के आचार्य, विद्वान आदि भारत का विश्व में नाम होने के साथ-साथ स्थानिय लोगों के रोजगार के अभूतपूर्व अवसर भी देगा और दुनिया भर भारतीय-योग और संस्कृत की धाक जमा सकते हैं।
श्री पैन्यूली ने बताया कि इसे PP मोड यानि जनता और व्यवसायों के सहयोग से बनाने की कोशिश शुरू कर दी गई है.. इसके लिए कांसेप्ट पेपर के साथ साथ विभिन्न क्षेत्र के योग्य व्यक्तियों को जोड़ा जाएगा.
आपको बता दे कि इस आशय का पत्र श्री पैन्यूली ने प्रधान मंत्री को भी प्रेषित किया था और साथ ही साथ मुख्य मंत्री उत्तराखंड को भी ..
ये एक इंटग्रेटेड साइंस, संस्कृत की शिक्षा के साथ साथ योग की भी मास्टर, पीएचडी के स्तर पर होगा.
ये लगभग उसी तर्ज पर होगा जैसा कि बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी की अवधारणा की गई थी। ये सीधे और परोक्ष रूप से हजारों लोगों को रोजगार प्रदान करेगा और जो पलायन भी रोकने का एक भी एक हथियार होगा ….!
उन्होंने कहा कि सरकार से सिर्फ और सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर और दूसरी मंजूरी देनी होगी, ज़िसकी लागत भी सरकार धीरे -धीरे 5-10 साल मे वापस ले सकती है। योग-पीठ देवीयों के मंदिर से धार्मिक मान्यताओं के अनुसार उचित दूरी बना करके ही बनाया जाये।
प्रस्तावित इंटीग्रेटेड योग यूनिवर्सिटी के कैंपस/ महाविद्यालय मुखेम, जुवा, मंधार और प्रदेश के दूसरे स्थान पर भी बनाई जाने वाली योजना है.!
पैन्यूली जी ने फिर एक बार मुख्यमंत्री और सांसद टिहरी गढवाल से सादर निवेदन किया कि इस विश्वविद्यालय को बनाने में हमारी पूरी टीम को प्राथमिकता दें …!
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