भारत मे तीन नए कानूनों पर हुई वेबिनार

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Team uklive


टिहरी : सोमवार को हेमवती नंदन केन्द्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक दृष्टिकोण से भारत मे नए तीन कानून पर एक वेबिनार आयोजित किया. 

संभवतय इस विषय पर उत्तराखंड मे यह पहला वेबिनार है ।इस वेबिनार के संयोजक विधि विभाग टिहरी परिसर के डॉ एस. के चतुर्वेदी थे.

वेबिनार मे मुख्य वक्ता एडवोकेट शान्ति प्रसाद भट्ट ने  टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल से जुड़े हुए विधि के 150 विद्यार्थियों तथा समस्त शिक्षको, शोधार्थी छात्र छात्राओ  को तीनों नए कानूनों के उपबंधो को विस्तार पूर्वक  बताया ।

श्री भट्ट ने कहा कि भारतीय दण्ड (IPC)संहिता 1860, जिसमे कुल 23अध्याय और 511धाराएं थी,इसकी जगह  भारतीय न्याय संहिता (BNS)2023 स्थान लेगी ,इसमें कुल 20अध्याय और 356 धाराएं है ।

भारतीय न्याय सहिंता 2023 मे राजद्रोह की धारा 124A को खत्म कर दिया गया है, साथ ही आतंकवाद संगठित अपराध , सामूहिक हत्या तथा शरीर के विरुद्ध अपराध जैसे हत्या,  आत्महत्या, दुष्प्रेरण, हमला, घोर उपहति, सामूहिक बलात्संग के मामलो सहित बालको की आयु सीमा का निर्धारण भी किया गया है ।

 साथ ही भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता CrPC 1973 जिसमे 36अध्याय और 484धाराएं थी, के स्थान पर अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS)2023  स्थान लेगी, इसमें 39अध्याय और 531 धाराएं है.

नए संहिता में न्यायिक अभिरक्षा, विचाराधीन कैदियों का निरोध, चिकित्सीय, जांच, न्यायालयिक, अन्वेषण(Forensicinvestigation) हस्ताक्षर और अंगुली चिन्ह के साथ आवाज के नमूने आदि का प्रावधान किया गया है।

 भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 जिसमें  दो भाग और 11 अध्याय सहित 167 धाराएं थी के स्थान पर भारतीय साक्ष्य अधिनयम 2023 स्थान लेगा, इसमे 12अध्याय और 170धाराएं है।

नए साक्ष्य अधिनयम मे द्वितीयक साक्ष्य मे इलोक्ट्रॉनिक अभिलेखों को भी दस्तावेजों के रूप मे समझा जायेगा।

 मौखिक साक्ष्य के तहत अब इन्हें इलोक्त्ट्रॉनिक रूप मे दिए जानें को अनुज्ञात किया गया है।

 यह गवाहों, अभियुक्तों तथा पीड़ित व्यक्तियों को इलेक्ट्रॉनिक साधनों के माध्यम से अभिसाक्ष्य देने को अनुज्ञात करती है।

    इस वेबिनार मे उपस्थित विधि के छात्रों ने मुख्य वक्ता एडवोकेट शान्ति प्रसाद भट्ट से कुछ विधिक सवाल भी पूछे जिनका उत्तर देकर विधि के छात्रों को संतुष्ट किया गया।

   अंत मे स्कूल ऑफ लॉ के हैड व संकाय प्रमुख  प्रो. एस . सी गुप्ता(पौड़ी परिसर) ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि"तीनों कानूनों में जो परिवर्तन किए गए है वे निश्चित रूप से यह समाज के लिए लाभवानित रहेगा और वादकारियो को समयअंतर्गत न्याय मिल पायेगा।

इस वेबिनार मे विधि विभाग के शिक्षक डा. विशाल गुलेरिया, डा.ममता राणा, डा.हिमानी बिष्ट, डा . राम प्रकाश, मुकेश, आर एस डोटियाल,रिसर्च स्कॉलर सहित टिहरी और पौड़ी से विधि के छात्र छात्राएं जुड़े हुए थे।

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