पुरानी टिहरी बांध विस्थापित संघर्ष समिति ने जिलाधिकारी से की छूटे हुए परिवारों को भूमि प्रतिकर भुगतान किये जाने की मांग

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 Team uklive


टिहरी : पुरानी टिहरी बांध विस्थापित संघर्ष समिति ने टिहरी बाँध से विस्थापित हुए लगभग 500-600 परिवारों को भूमि प्रतिकर भुगतान किये जाने के सम्बन्ध में जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया. 

अपर जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन देते हुए समिति अध्यक्ष भवानी प्रताप सिंह ने कहा कि हम टिहरी शहर के मूल बांध विस्थापित लोग आज भी अपनी मूल-भूत सुविधाओं से वंचित है।
 उत्तराखण्ड प्रदेश को गठित हुए 23 वर्ष पूर्ण हो चुके है, फिर भी विस्थापितों की समस्यायें जस की तस बनी हुयी है.
उन्होंने कहा कि  टिहरी शहर के भूमिधरों को (वार्ड संख्या 1 से 6) पूर्व में 5/- प्रतिवर्ग की दर से प्रतिकर का भुगतान किया गया, कतिपय कास्तकारों द्वारा भू-अर्जन अधिनियम की धारा 18 एवं 28 ए के अन्तर्गत प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत किये गये थे जिन्हें  न्यायालय/उच्च न्यायालय द्वारा भूमि की दरों को बढ़ाते हुए 30/-रूपये प्रतिवर्ग फुट की दर से भुगतान के आदेश दिये गये थे जिसके परिचालन में कतिपय परिवारों को 30/- प्रति वर्ग फीट की दर से भुगतान कर दिया गया परन्तु अवशेष परिवारों को आज तक भी उक्त दर से प्रतिकर का भुगतान नहीं किया गया, जो की अत्यन्त पीड़ा दायक है। 

उन्होंने मांग करते हुए कहा कि जिन परिवारों के मुखिया के नाम पर भूमि दर्ज है, वह मृत्यु को प्राप्त हो गये है, अब उनके आश्रित है जो काफी वृद्ध हो गये है और कभी भी मृत्यू को प्राप्त हो सकते है, अतः जनहित में अन्य वार्डो की भाँति वार्ड नं0 1 से 6 तक के विस्थापित अवशेष परिवारों को भी 30/- रूपये प्रति वर्ग फीट की दर से भूमि का प्रतिकर भुगतान किया जाय।

कहा कि  पुरानी टिहरी शहर के उन विस्थापित भूमिधरों को भवन निर्माण सहायता से वंचित रखा गया है, जिन्होने आवसीय भू-खण्ड के बदलें नगद राशि ली है जबकि पुर्नवास निति 1998 में स्पष्ट कहा गया है कि "नगद राशि का विकल्प स्वीकार करने पर भी विस्थापित परिवार पुर्नवास नीति के अन्तर्गत अन्य पुनर्वास सुविधा/अनुदान पाने का हकदार होगा" नीति में स्पष्ट है कि नगद राशि आवासीय प्लॉट का विकल्प' है भवन निर्माण सहायता का नहीं, इसलिए भवन निर्माण सहायता उपलब्ध कराई जाय।

साथ ही  व्यवसायिक क्षतिपूर्ति से वंचित 68 व्यवसायियों को नियमानुसार क्षतिपूर्ति, 43 परिवारों को छुटी हुई सम्पत्ति का भुगतान सर्वे सीट में दर्ज व्यवसायियों को दुकान आवंटन सहित सभी लंबित मामलों का निस्तारण किया जाना चाहिए।
 उक्त के अतिरिक्त मूल विस्थापित परिवारों के आश्रितों को नौकरियों में तथा झील क्षेत्र में वोंटिंग एवं अन्य पर्यटन सम्बन्धित क्रिया कलापों में रोजगार हेतु विस्थापित परिवारों के आश्रितों को वरीयता प्रदान की जाए.
कहा कि पर्यटन विकास के माध्यम से झील के समीप तथा कोटी कॉलोनी क्षेत्र में जो दुकानें निर्मित की जा रही है, उनमें मूल विस्थापित आश्रितों को प्रथम वरीयता प्रदान कर उन्हें रोजगार से जोड़ा जाय ताकि पलायन को भी रोका जा सके।
ज्ञापन देने वालों मे अध्यक्ष भवानी प्रताप सिंह पंवार, अबरार अहमद, विजय सिंह परमार, आनंद प्रकाश घिल्डियाल, संतोष पांडे शामिल रहे. 

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