रिपोर्ट : डी पी उनियाल
टिहरी : देव भूमि उत्तराखंड अपने खास रीति रिवाजों के लिए जाना जाता है हालाकि बदलते वक़्त और परिस्थितियों के चलते पहाङों की पौराणिक परम्परा ये दम तोड़ती नजर आ रही है मगर आज भी कई क्षेत्र और गांव अपनी पौराणिक परम्पराओं को जिंदा रखे हुए है, इन्हीं पौराणिक परम्पराओं को आज भी संवर्धित और जिंदा रखने का काम कर रही है विकास खण्ड नरेंद्र नगर स्थित पट्टी क्वीली न्याय पंचायत मण गांव, इस न्याय पंचायत के साथ गांव के पौराणिक स्थल बमण गांव में हर तीन वर्ष की समाप्ति पर नौ दिनों तक पंडों नृत्य नौरता (मंडाण) का आयोजन सदियों से करते आ रहे हैं
बताते चले कि पिछ्ले 600 वर्षो से चली आ रही यह परम्परा बमण गांव में हर तीन साल की समाप्ति पर नौरता (मंडाण) के साथ अपने कुल/ईस्ट देवी-देवताओं का स्मरण व आवाह्न करते हुए ढोल दमाऊ की थाप पर नौरता (मंडाण) लगाया जाता है जिसमें आयोजन करने वाले गांव के अलावा क्षेत्र के लोग और दिशा ध्याण बढ़ चढ़ के हिस्सा लेते हैं
आज पंडित मनोहरी लाल बिजल्वाण जी की अध्यक्षता में नौरता (मंडाण) की बैठक आयोजित की गई जिसमें नौरता (मंडाण) के आयोजन हेतु संरक्षण मंडल व संचलन समिति का गठन किया गया।
संरक्षक मंडल मे
पीताम्बर दत्त बिजल्वाण,मनोहारी लाल बिजल्वाण, गोविन्द राम बिजल्वाण, हर्षमणि बिजल्वाण, मूर्ति सिंह रावत, भगवती प्रसाद बिजल्वाण, दर्शन लाल बिजल्वाण आदि शामिल हैं
संचालन समिति मे
संयोजक:- दिनेश बिजल्वाण (प्रधान बमण गांव )
ईश्वरी प्रसाद बिजल्वाण पूर्व (ज्येष्ठ प्रमुख नरेन्द्र नगर)
अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण
सचिव शक्ति प्रसाद बिजल्वाण
कोषाध्यक्ष नरेन्द्र बिजल्वाण
व अन्यों को दायित्व दिया गया. कार्यक्रम 2 नवंबर से शुभारंभ होगा.
पंचम दिवस 6 नवंबर को ( ध्वज, कुंती माता,पंडों का आवाह्न) अष्टम दिवस 9 नवंबर को तीर्थ स्नान हेतु इंसानों का प्रस्थान 10 नवंबर को यज्ञ की समाप्ति होगी।
यज्ञ की मीटिंग और रूपरेखा तय होने के अवसर पर विनोद बिजल्वाण, विजय प्रकाश बिजल्वाण, जितेन्द्र सजवाण,अशोक बिजल्वाण, ईश्वरी बिजल्वाण, राजेन्द्र बिजल्वाण, पूर्ण सिंह राणा, अनिल किशोर बिजल्वाण, युद्धविर सिंह रावत, संदीप बिजल्वाण, विजेंद्र रावत,महावीर प्रसाद,हुक्म दास, भगतू दास, संजू दास, कृष्ण दास, भवानी दास आदि उपस्थित रहे।
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