लैंगिक न्याय के बिना सामाजिक न्याय की कल्पना असंभव: त्रिपाठी

 ज्योति डोभाल संपादक 


टिहरी : भारतीय संविधान में वर्णित सामाजिक न्याय की संकल्पना को चरितार्थ करने के लिए सर्वप्रथम समाज में लैंगिक न्याय को स्थापित किया जाना आवश्यक है। 

यह बाते जिला विधिक सेवा प्राधिकरण टिहरी गढ़वाल के सचिव आलोक राम त्रिपाठी ने शुक्रवार  को राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज, हिंडोलाखाल में आयोजित विधिक जागरूकता शिविर में कही। 

 उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं माननीय जिला जज/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण  योगेश कुमार गुप्ता के निर्देश पर शुक्रवार को एक विधिक जन जागरूकता शिविर का आयोजन दूरदराज क्षेत्र स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व0बचन सिंह चौहान राजकीय इण्टर कॉलेज हिंडोलाखाल, विकास खण्ड-देवप्रयाग, टिहरी गढ़वाल में किया गया। 

शिविर में सिविल जज(सी.डि.)/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण टिहरी गढ़वाल आलोक राम त्रिपाठी द्वारा उक्त विद्यालय के समस्त अध्यापकगण एवं छात्र/छात्राओं को भारतीय संविधान, बाल अधिकार, घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, साइबर अपराध, किशोर न्याय अधिनियम, POCSO अधिनियम आदि विषयों पर कानूनी जानकारी दी।

प्राधिकरण के रिटेनर अधिवक्ता  राजपाल सिंह मियां द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी दी गई। 

थानाध्यक्ष हिंडोलाखाल धनराज बिष्ट द्वारा साइबर क्राइम, मोटरयान अधिनियम व महिला हिंसा आदि कानूनों की जानकारी प्रदान की गई। 

इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य राजीव कुमार धीमान, सब इंस्पेक्टर  मनीष लामयान, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के  परा विधिक स्वयंसेवी  रेशमा चौहान,  सोहनलाल डंगवाल,  राजू मिस्त्री, हरीश कोहली,  जगदीश लाल, विद्यालय के समस्त शिक्षक- शिक्षिकाये, कर्मचारी गण व विद्यालय की समस्त छात्राएं उपस्थित रहे।

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