वीरपुर डुंडा मे लोसर मेले की आज से शुरुआत
वीरेंद्र सिंह नेगी
उत्तरकाशी : भागीरथी के तट पर स्थित किन्नौरी, जाड़ भोटिया व् खाम्पा समुदाय की मौजूदगी एक विशिष्ट संस्कृति का एहसास कराती है। खासतौर पर समुदाय के पारंपरिक लोसर पर्व पर उमंग और उल्लास का माहौल चरम पर रहता है। संस्कृति और परंपराओं के प्रतीक इस लोक पर्व पर होली, दशहरा और दीपावली एक साथ मनाते हुए बौद्ध पचांग के अनुसार नव वर्ष का स्वागत किया जाता है। कुछ ऐसा ही पर्व वीरपुर डुंडा व बगोरी में देखने को मिलता है। जहां किन्नौरी,जाड़ भोटिया व् खाम्पा समुदाय के लोगों ने लोसर का पहल दिन दीपावली के रूप में मनाया।
बौद्ध पंचांग के अनुसार आज किन्नौरी, जाड़ भोटिया समुदाय के लोगों ने अपने -अपने घरों में पहले छिलके जलाये। इसके बाद सभी लोग छिलके लेकर मशाल के रूप में डुंडा बाजार से होते हुए गंगोत्री हाईवे पर स्थित एक चौराह पर एकत्रित हुए। जहां पर सभी ने छिलके विसर्जित किए और दुख रोग एवं अशांति को नष्ट करने की कामना करते है।भूत पूर्व प्रधान भवान सिंह ने बताया कि बौद्ध पंचाग के अनुसार पारंपरिक लोसर पर्व का आगाज हो चुका है। गुरुवार को पहले दिन दीपावली मनाई गई। वहीं पर्व के दूसरे दिन दशहरा के रूप में मनाया जायेगा। जिसमें एक दूसरे को हरियाली वितरित कर नूतन वर्ष की शुभकामनाएं दी जायेगी. तीसरे दिन आटे कि होली भी खेली जाती है.
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